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प्रतिलिपि:

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आठव अ य य इ क सव सद क कह नय म च त र जन तक ज वन पर आध नक च तन क भ व वत म न य ग ल कत क य ग ह ल कत क क रण र जन तक ज वन क मह व और अ धक बढ़ गय ह नव चत त न धय र ल ग नयम हम भ वत करत ह इस लए य क य क लए र जन त क न आव यक ह गय ह त क य क य र य म अपन थ त क समझ सक और अपन अ धक र और कत य क उ चत नव ह कर सक सम ज म इस यव थ क प ण त र जन तक च तन क क रण ह स भव ह त ह र जन त श द व त त: अ ज श द प ल ट स क हद अन व द ह यह प ल ट स श द भ य न न क प लस श द म य प न ह जसक अथ नगर और सम द य ह र जन त स त पय उस श स ह ज र य स च लन स ब ध न तय क अ ययन त त करत ह आज द स प व भ रतव सय म र जन तक च तन क अभ व थ उ ह र जन तक क य म भ ग ल न स व चत कर दय गय इस र जन तक अस त ष न ल ग म र जन तक च तन क बल दय ''1857 क त न भ रत य म एक बल र य च तन क ज गरण कर दय थ यह च तन उ तर तर बलवत ह त गई और स म जक ध मक स ध र म नय जत ह गय '' 1 इस क र र जन तक प रवत न क क रण र जन तक च तन बलवत ह त गई र जन तक च तन क सम ज स बह त गहर स ब ध ह सम ज क नय मक प म चल न क लए स म जक न त नयम क ढ़ करन क क य र जन त ह करत ह द श और क ल क अन स र र जन त क नयम और न तय म प रवत न ह न व भ वक ह स म जक प रवत न म र जन तक तय क भ य गद न ह त ह 1. न प ड य : भ रत वष क ब हत इ तह स, वत य भ ग, प.स. 253 297

क ई भ र य यव थ तब तक भ वह न और अ व क त रहत ह जब तक उसक प छ वश ल म नव सम ज क स म त और सहम त न ह ''इस क र सम ज और र जन त क स ब ध क य त करन स पहल र जन त श क समझन पड़ ग ल शल (Blunschi) कहत ह र जन त श उस व न क कह ज त ह, जसक स ब ध र य स ह और जसम र य क म ल क त, व भ न प वक स तथ आध रभ त थ तय क समझन और ज नन क य न कय ज त ह इस लए र जन त च तन क व त र म म ल क तय क बड़ य गद न ह त ह सम ज क भ त, वत म न क र जन त क य म भ व दखत ह र जन त क व प म च तन ज ड़न पर र जन तक च तन क अथ हम इस अ भ य म ल सकत ह क सरक र र कय ज न व ल सभ क य क ज नक र रखन और अपन अ धक र और कत य क त सजगत ह र जन तक च तन ह आज क सम ज स र ह और द श क उ न त और अवन त क ब र म वह स चकर नण य ल न लग ह आज हम र जन तक च तन क प रप व प द खन क मल रह ह भ रत क प रव तत र जन तक प र य न जनत क च तन क कट कय ह र य स त क र रव य क क रण सम जव द स त क यव थ पर ज र दय गय ह जसक थ पन क लए सम ज और र जन तक अ व छ न स ब ध ह यह अ व छ न स ब ध जसक उप क ई भ स ह यक र नह कर सकत र जन तक ज वन, स म जक ज वन स अलग नह ह सकत ल खक अपन अन भ तय क द यर म सम ज क र जन तक पहल ओ क क पन करत ह अपन अ भ य क र सम ज पर र जन त क अ मट भ व क प ट करत ह आज क र जन त क एक घन न प ह स त, श और ल ट इस क रण आज ल ग र जन त क गलत म नत ह इसक प रण म ह क स र प रव श अस त ष और भय स आ त ह रह ह 298

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इ क सव सद क र जन तक प र थ तय म मह वप ण प रवत न आय ह अथ यव थ क स कट गहर न लग ह स त ध र प ट जन अस त ष क श त करन और आ थक सम य ओ क सम ध न करन म प ण प ण असफल ह रह ह आत क और ट च र क रचन क र न अपन रचन क म यम बन य ह यह स य ह क आज ट च र और श षण क ध र पर टक इस यव थ म दन दन वग व ष य बढ़त ज रह ह स द यक स गठन थ न- थ न पर स द यक द ग क आग भड़क त रहत ह जसम स ध -स द ल ग क ज वन स ह थ ध न पड़त ह 8.2 ग व और शहर म र जन तक आध नक च तन कथ स ह य म ग व तथ शहर म य त र जन तक ज वन क व त त प द खन क मलत ह आज क स ह यक र अपन तथ आस-प स क र जन तक ग त व धय क त ज ग क दख ई द त ह र जन तक ट च र, आपर धक व, दलगत र जन त सभ क अपन कह न म सज वत क स थ च त कय ह इ तज र नय सव र क कह न म म ण म अपन ग व क त ज ग त तथ र जन त ओ क ग व क त उप क म मक च ण त त ह त ह ल खक सरक र क ब र म कहत ह क ''शहर म ग त क म य कन कर ब ठ ज त ह आर म स च न व म ह ग व दखत ह, बस गर ब, अ श, ब र जग र त जह क तह ह क गज म द श क ख ब तर क ह रह ह और भ म स ध र क र ज नय -नय क न न बन रह ह, पर हक कत द खन क कस पड़ ह '' 1 ग व हम श स स ह यक र क पस द रह ह ग व क य ह र, प ड़, द र त क ल खक न उज गर कय ह र जन त अपन व थ क लए उनक इ त म ल करत ह द श क य व र जन त क और र जन त ओ क वस ग तय क समझन लग ह रहन नह द श वर न ह कह न म द प य त कहत ह ''यह त द श ह च च ह द द ब क द श क फ म ल यह क म नह करत यह पर त तभ क स थ-स थ ग ड-फ दर भ च हए य श ट कट क हथक ड और 1 अ भष क व तव : इ तज र नय सव र क (कह न ), कथ म (प क ), ज ल ई 2013, प.स. 96 301

तकड़मब ज ख लस तभ और म हनत यह टक स र बकत ह '' 1 ग व म र जन त क त ल ग क स च बदल रह ह वत म न यव थ क गलत न तय क त आ श य त करत ह आ 'च ' इ तज र नय सव र क कह न म कहत ह - ''ब र न म न स हब ग ध ब ब क स थ उनक वच र भ ग ल स उड़ य दय गय रह न अ हस -फ हस कत बन म ह भल ल ग असल ज दग म ज जतन बड़ क ल, अपर ध उतन बड़ न त ख दई द खल कल क स इ कल प चर बन व व ल आज म ब न क स सद म ज ई बइण, यह ह थय र क बलब त न... '' 2 ग व म र जन त क त च तन त आय ह पर त उसक ग व पर असर उतन ह पड़ ह जतन क नद म रहन व ल प थर पर पड़त ह नक ब कह न म अजय न व रय कहत ह क शहर म ज त-प त पर र जन त क वच व व म न ह न क ब वज द भ ग व म इसक भ व कम दख ई पड़त ह शहर म ज त-प त क न म पर व ट लय ज रह थ उसक ग व क ज वन पर क ई असर नह पड़ क छ बदल व आय ह पर त इतन नह ग व म ड प सर ख लन क लए सभ न मदद क ग व क पटव र र मचरण म थ र न प च यत क जम न ह र-फ र करक ड प सर क न म कर द और...ब नय, ण प रव र क फ समझद र नकल ड प सर क नम ण म व भ क फ प स च पच प पत ज क द गय ''...य त प न क क रज ह य म ज त- बर दर क ई द ख आपण क ब च क ब त ह दए क क ई ग त क ई ग त ह...ज त-प त अब प र न बखत क ब त ह '' 3 आज क र जन त स यव द वर ध ह स जय क दन क कह न स र त आदम कह न म इसक च रत थ कय गय ह इसम शहर म बढ़त द ग क स म जक ज वन पर म डर त स कट क प म स क तत कय गय ह न यक हम श अस र त महस स करत रहत ह ''उस कसस खतर ह सकत ह खतर सफ द ग क ह नह ह इस शहर म पछल कई वष 1 मध क क रय : ब तत ह ए (कह न स ह), प.स. 54 2 अ भष क व तव : इ तज र नय सव र क (कह न ), कथ म (प क ), ज ल ई- सत बर 2013, प.स. 90 3 अजय न व रय : यस सर (कह न स ह), प.स. 30 302

स स द यक द ग नह ह ए थ कभ -कभ ज त य तन व क खबर ज र आत थ...त य उस वण ह न क क रण द लत स डरन च हए? ह द ह न क क रण म सलम न स डरन च हए? ह ल क उस त सबस य द डर य नयन ल डर शम स लगत थ ज उस क ज त क ह '' 1 जय र य क कह न ख र प न म ग व क जम न क शहर करण क न म पर हड़पन क र जन तक ष क ग व क ल ग समझन लग ह र जन त ओ क व थ क समझन लग ह तभ त र म कहत ह क ''हमन कब इनस स ख-स वध ए म ग थ क दरत न हम ज दय थ हम उस म स त ट थ सर पर आक श थ, न च धरत क बछ न...अपन जल, ज गल, जम न स हम सब क छ मल ज त थ द व त क र ट, न द और स क न...मगर अब त सब छन गय न गर ब क सर पर आक श रह, न प व क न च जम न...आज द उ त, आध नकत क न म पर सब झपट ल गय '' 2 यह आध नक च तन क भ व ह ह क आज ग व म रहन व ल कस न सरक र क गलत न तय क वर ध कर रह ह और अपन ऊपर ह न व ल श षण और अ य च र क खल फ आव ज उठ रह ह ''र ज नय -नय क न न बन कर य हमस हम र जम न और द रय ह थय न म लग ह ऐस त हम ज द ह ब दखल ह ज ए ग '' 3 ग व म कई र जन तक आ द लन ह न लग ह यह र जन तक च तन क प रण म ह ह क सम ज क अ तम प य म आन व ल वग ज अभ तक पसत, अपम नत एव श षत ह त रह ह वह अब ज ग त ह गय ह प कज म क कह न बजल मह त क अजब द त न म मह त ल ग क सरक र न तय क त ज ग त करत ह ''क स प म न पर गनत कर ख त क न च स क यल नक ल ज एग, फर उस म क द सर ख त म ड ल ज एग, फर ब र -ब र स ख त और ख न क बरकर र रख ज एग '' 4 जब क पन कम द म पर ज़म न खर द क पन म ह स द र द न क थ न पर म आवज दन क ब त करत ह तब क ल वर उसक खल फ आव ज 1 जय र य : ख र प न (कह न ), कथ म, जनवर -म च 2012, प.स. 55 2 स जय क दन :ब स क प ट (कह न स ह), प.स. 215 3 जय र य : ख र प न (कह न ), कथ म, जनवर -म च 2012, प.स. 58 4 प कज म : बजल मह त क अजब द त न (कह न ), प रकथ, म च -अ ल 2011, प.स. 33 303

उठ त ह...स च च क ह जम न क हस ब स ह स द र द ग क पन...ह! हम ल ग सब ह स द र ह इस क पन म जब बजल बन ग त सबक बर बर ह स द र मल ग '' 1 ग व और शहर ज वन म र जन तक च तन क स र ह रह ह य: सभ य व कथ क र न इसक च ण कय ह ग व म र जन त ओ क ष स जनत अवगत ह न लगत ह वह शहर म अपन अ धक र क त ज ग कत बढ़ ह ' बजल मह त क अजब द त न' म वस सर कहत ह - ''सरक र क ई आदम नह, एक यव थ ह और उसक न कस न पह च न क लए उस यव थ स ज ड़ ल ग, स प य और थ पन ओ क च ट पह च न ह ग '' वह सग न स कहत ह - ''त म क छ नह समझत द स म बह त गड़ब ड़य ह रह ह द स क ग ल म बन न क स जश ह रह ह '' 2 8.3 र जन त म बढ़त अपर ध करण र जन त म बढ़त अपर ध करण न र जन तक व त वरण क ब र तरह द षत कर दय ह इ क सव सद म र जन त क र तय स ल त ह ज ज त- थ, छ आछ त, ढ़व द पर पर क बढ़ रह ह सरक र क सम त य जन ओ क सम ज क अ भव क य ग म न ल कर अपन व थ स क लए य ग कर रह ह र जन त अपर धय क शरण थल बनकर उभर ह आज क य व वग इस अपर ध करण क ओर अ सर ह त ज रह ह अ भष क व तव क कह न इ तज र नय सव र क म च ल खक क अपन न सलव द बनन क क रण बत त ह आ कहत ह ''वईस भ सरक र ह हम हस क प ठ सख ई रह ह हम प ट म स सख क न ई प इद भय सरक र हम र ख तर क करत ह?च र प न क क न न बन कर ब त म ड ल द त ह...हमन सरक र क ख तर बह त क छ कय ह व ट द व हम, भ ख रह हम, इ जत हम र 1 प कज म : बजल मह त क अजब द त न (कह न ), प रकथ, म च -अ ल 2011, प.स. 34 2 प कज म : बजल मह त क अजब द त न (कह न ), प रकथ, म च -अ ल 2011, प.स. 53 304

ल ट, स न प ग ल ख य हम कतन क छ कय पर अब नह '' 1 च र जन त ओ क श षण क क रण अपर धक व य क क रण न सलव द बन गय थ र जन त म बढ़त अपर ध करण क क रण आज आम आदम अपन आपक अस र त महस स करन लग ह उस आस-प स क ल ग क स थ यवह र करन म भ अस वध ह त ह उस हर ब र यह भय लग रहत ह क कह कस न कस ब त क ब र म नकर उस पर हमल न कर द स जय क दन क कह न स र त आदम म इस क सज व च ण मलत ह कह न क न यक क थ त क वण न करत ह ए ल खक कहत ह ''उस कसस खतर ह सकत ह खतर सफ द ग क, ह नह ह इस शहर म पछल कई वष स स द यक द ग नह ह ए थ कभ -कभ ज त य तन व क खबर आत थ...त य उस वण ह न क क रण द लत स डरन च हए? ह द ह न क क रण म सलम न स डरन च हए? ह ल क उस त सबस य द डर य नयन ल डर शम स लगत थ ज उस क ज त क ह '' 2 सम ज म बढ़त अपर ध करण क क रण र जन त ओ र अपर धय तथ अपर ध क बढ़ व द न ह क तल बदम श क र जन त अपन आ य द त ह उनक ज रत क प र करत ह व अपन त कत क इ त म ल र जन त ओ क क ल क रन म क छप न क लए करत ह इन सबस म स म जनत क ह ग जरन पड़त ह र क श क म र सह क कह न ख ई ह ई क ड़य म ज लर क र श ल खक क इस ब त क स च ई बत त ह ए कहत ह ''हम ज लर क क दय क ब बत अपन नज र य क स व ज नक करन क क न नन मन ह भ ह हम त च र क तल, च र और बदम श क लए ख र क, आर म और ज रय त ज ट न क लए ह क मत स ख र त य अन द न म गत रहन व ल म गत ह '' ल खक र जन त क व त वकत क य त करत ह ए कहत ह ''र जन त अपर धय क उफनत ब ढ़ म य: हर म न ह आ च र, ग ड, त कर य क ल ब ज रय कस न कस वध यक य स सद क द य -ब य ह थ नकल आत ह जस 1 अ भष क व तव : इ तज र नय सव र क, कथ म (प क ), 2013, प.स. 95 2 स जय क दन : ब स क प ट (कह न स ह), प.स. 215 305

द र-सब र ब द ग छ टन ह छ टन ह त ह अ यथ न र, धरन, दश न और ल कत क ह य क य प ह न लगत ह '' 1 अपर धय क सरक र और र जन त म आन स य क हम श अपन स थ क छ गलत ह न क भय सत त रहत ह उस सरक र त, प लस यव थ पर व व स नह रहत ''स र त आदम कह न क न यक भ ट.व. पर आ रह बल क र क खबर स इतन डर ज त ह क उस उस य वत स अपन ब ट दख ई द न लगत ''उसक आ ख क स मन अ ध र छ गय एक कर ट स लग और उसक स मन अपन ब ट क कह ह ई न ग ट ग झलक गय भय और शम क द ध र ए उसक भ तर टकर य उसन झट स ट.व. ब द कर दय वह ब ड म म आय जह उसक ब ट पढ़ रह थ उसन ब ट क सर पर ह थ फ र उसक ब ट न च ककर द ख और ब ल '' य ह आ प प? क छ नह... '' उसक समझ म नह आय य कह? 2 स जय क दन क ब स क प ट कह न स ह क कह नय च ह वह च ड़य घर ह य ग ध जय त म र जन त म दब ग व क च ण सज वत स अ कत कय गय ह च ड़य घर क श ल म श ल प व ह स त और दब ग व क य ह ज अपन स गर ब आदम क श षण क व त क अल व क छ नह म नत ''र वश कर क घर म भगवत ज गरण ह न थ यह नण य श ल म श ल क थ उनक म नन थ क उनक द म द र वश कर क स आ गई ह उसन ज वन क म य ध र म आन व क र कर लय ह ब ब स क त क द ल ल ह, र वत ल न लग ह ''... कस क ट च र क हए न ग ल म र द ज एग ल श भ फकव द ज एग ; आत कव द घ षत कर दय ज एग आपक प क म र द ग आपक ग ध ज बनन चल ह क छ नह कब ड़ प ए ग आप आपक भ एक म त बन दय 1 र क श क म र स ह : ज ड़ ह रल क पकथ (कह न स ह), प.स. 54 2 स जय क दन : ब स क प ट (कह न स ह), प.स. 210 306

ज एग और स ल म एक दन उस पर फ ल म ल चढ़ य ज एग सल म भ दय ज य ग और त न स च सठ दन उस पर क त म त ग... '' 1 ग ध जय त क भ दय ल अपर धक व क य ह ग ध जय त पर वह भ दय ल ग ध ज क ग ण क अपन न क लए कहत ह ल खक कहत ह क - ''ऐस लग ज स यह ग ध जय त नह, भ दय ल स म न सम र ह ह म झ ह स आ गय म ज र स ह स सब ल ग म ड़-म ड़कर द खन लग...ह डम टर स हब क कहत स न, ''अब म नन य म ज स अन र ध ह क व र पत मह म ग ध क त व र क म ल पहन ए और द प व लत कर '' 2 र क श क म र सह क कह न भ त म प लस वभ ग म न कर करन व ल वकणकर क र जन त स खल फत क सज मल उसक कस र थ क... प च हज र पय क हक र रकम पर बक च क उस प ल सए (वकणकर) म थ ड़ -स इ स नयत तब भ ब क थ य क त क पट रय पर ड लन क ब द वह फ रन वह स भ ग नह सक वकणकर कहत ह क उस र जन त क अव क सज मल ''म आज तक भ गत रह ह कट -ट ग पर घसटत क च ए स -ब च रग भर ज दग '' 3...यह क ई द घ टन नह थ ब क शहर क सफ दप श क य य थ आज र जन त च द ल ग क ह थ क खल न बन गई ह सरक र त क इ त म ल वह अपन व थ प त क लए करत ह र क श क म र सह ख ई ह ई क ड़य म कहत ह क ''हम र मह न स वध न क ध र ए न ह ई कस ग ड -मव ल क रख ल य बगड़ ल-अ य श नव ब क ज ह गय पसद स उतरत ह त न दफ तल क-तल क कह और मनपस द नई क ब ठ लय '' 4 1 स जय क दन : ब स क प ट (कह न स ह), प.स. 89 2 स जय क दन : ब स क प ट (कह न स ह), प.स. 27 3 र क श क म र स ह : ज ड़ ह रल क पकथ (कह न स ह), प.स. 54 4 र क श क म र स ह : ज ड़ ह रल क पकथ (कह न स ह), प.स. 32 307

इ क सव सद क कह न क र न अपर धक व क सज व च ण कय ह बढ़त अपर ध करण क च ण अन ज क कह न 'म इ व व ट वर' म मलत ह र म तव र क क त न क जम न हड़पन क लए स वर सह उसक स थ द त ह वह तव र क आ व सन द त ह क - ''अर तव र ज, न कर चल ज एग, स तय क ह क? ज न लग द ग हम र सब वय स वक आप एकदम चत मत क जए '' आर.एस.एस. क बड़ ज थ क न तक समथ न प कर ज स तव र एकदम आ म व व स स उबलन लग थ '' 1 ग व म बढ़त ब र जग र, अपर धक व, वक पह नत आध नक ज वन च तन क क रण बढ़त भ म डल करण और ब ज रव द क प रण म म न ज सकत ह इसक ह क रण न सलव द क भ बढ़ व मल ह र क श क म र सह अपन कह न 'ओह...पल म...' म दद आ ध न ज न सलव द न त ह क र इसक वण न करत ह ए कहत ह - ''उ व द क लए ख द ब ज ह...अ श और गर ब य ज त पर नभ र थ ड़ ह ह त ह...अब यह श त ब र जग र क भ कई गर ह ह ज श डक तय ड ल रह ह र गद र ट स वस ल कर रह ह अपन करत त पर कस स गठन र द त ज ल ल इस स सट कर गर ब स अन ज और ध नक स पय वस ल क धन स ह थय र और बड़ न त ओ क आर म वल स क स धन खर द ज त ह '' 2 र जन त अपर धक व य क थ न बनत ज रह ह न त ओ क व थ न र जन तक यव थ क बग ड़ दय ह अपर धय, न त ओ क व थ क क रण ल ग क अ धक र छ नत ज रह ह श षण ब र जग र क बढ़ व मल रह ह 8.4 ट र जन तक यव थ क वर ध आज क र जन तक प र य क सबस बड़ वस गत र जन तक यव थ क ट ह न ह इ क सव सद क कह नय म वत म न र जन तक यव थ क प ट य र मलत ह 1 अन ज : म इ व व (कह न ), ल ह (प क ), अ ट बर- दस बर 2008, प.स. 83 2 र क श क म र स ह : ओह पल म (कह न स ह), प.स. 190 308

सम ज म य त श स नक और र जन तक ट च र क च ण अजय न व रय अपन कह न इ जत म कय ह ''ब सलप र ग व स आन व ल यह छ ट सड़क ध नम सड़क य जन क तहत अभ पछल स ल ह बन थ, पर उसक जज र ह लत द खकर लगत य क ज स बन ह ए स कड़ स ल ब त गए '' 1 श सन क कमज रय क क रण अपर ध जगत म बढ़ त र ह त ज रह ह ट न त ओ क क रण अपर ध क र ककर अपर धय क पकड़ प न अस भव ह रह ह प लस यव थ म फ ल ट च र क च ण भ कह न क र न कय ह भ त कह न म र क श क म र सह य व थ न द र बकणकर क म यम स कहत ह ''अ तर म य य त ज स श द त हम प लस व ल क श दक श म ह त ह नह...म त आपक यह सबक द न च हत ह क य द आपक घर क क ई य प लस वभ ग म न कर करन क उ स क-इ छ क ह त ईम नद र, कत य न ठ, तब त, न तकत, य य धम, ईम न, अ तर म, स व...आ द-आ द ज स व हय त श द स प ल झ ड़ ल न च हए फलव त आदश और यवह रकत म स य वह रकत क च न व करन ह समझद र ह '' 2 प लस बन कस अपर ध क नद ष य य क भ अपर ध, न सलव द आ द लनकत बन कर उन पर अ य च र करत ह रहन नह द श बर न ह कह न म द प य त कहत ह क उसक पत कहत थ ''अपन द श क यव थ और ट च र क द खकर क ढ़न स क छ ह सल नह ह न व ल कर यह क अपन ब च क ब ट त ल म द... जसस व जह भ ज ए उस द श क इक न म क ल कर...यह दय क द ख आज अम रक क च ल स तशत इक न म क व ह ल कर रह ह '' 3 ट र जन तक यव थ क व वध प क इ क सव सद क कह न क र न स मत स कट कय ह र जन त, म आ द जनस व क न म पर ज व थ परत तथ जनत क श षण 1 अजय न व रय : यस सर (कह न स ह), प.स. 108 2 र क श क म र स ह : ज ड़ ह रल क पकथ (कह न स ह), प.स. 53 3 मध क क रय : भर द पहर क अ ध र (कह न स ह), प.स. 72 309

कर रह ह उसक च ण हम इ क सव सद क कह नय म मल ज त ह खल कह न म रतन क म र कहत ह ''आज इस द श म अस य ऐस प रव र ह ज अ न, घर, व य, श स व चत ह, क त र य इनक प क र स नन क ज रत नह महस स करत ह य क इन प रव र क प स अपन य तन क स करन व ल सब त नह ह ह य, ब ल क र, ट च र क अन गनत म ज रम ग लछर उड़ त ह य क उनक अपर ध क स बत करन व ल सब त नह ह प लस स न ज स र य श य जनत पर ज म ढ त ह तथ ल ग क दमन करक उ ह न सलव द, आत कव द बन द त ह '' 1 इ तज र नय सव र क कह न म अ भष क व तव कहत ह क ट र जन तक यव थ न ल ग क न क वल श षण कय ह ब क उ ह न सल भ बन दय ह और आज य ह यव थ क वर ध म ह थय र ल कर खड़ ह ल खक च स कहत ह ''त मक म ल म ह, त ह र ग व क ब र म ब हर य - य ब त क ज त ह...ड ड र न सलव द ल ग क ख ह ह ज ब वस ल ग पर व र करक अपन क बह द र समझत ह '' तब च कहत ह ''पगल ट ह व सब, ज य ब लत ह हम ल ग ख द इतन ब बस ह, ल च र ह, क ह क कस ब बस पर व र कर ग स ह ब, हम क ई आत कव द नह ह! इतन ज र ह क हम र प स इन व थ न त, अफसर क तरह र जन त क ह थय र नह ह हम र प स क छ भ नह ह अउर जनक प स क छ भ नह ह त वह क छ भ कर सकत हम अपन लड़ ई अपन ढ ग स लड़त ह '' 2 र क श क म र सह क कह न ख ई ह ई क ड़य म ट श सन यव थ क वण न करत ह ए ल खक बत न च हत ह क कस तरह सरक र क गलत न तय क क रण ब ग न ह य भ ग नहग र ह न क सज प त ह ''इस क द पर ह य क अ भय ग ह म अ भय ग? य द आर प स बत ह भ ज त त उस अ धकतम ब स वष क क द ह त बशत वह म य द ड स बच ज त ह ब ज ल ग त च दह स ल म ह रह ह ज त ह पर इस श स न लगभग त स स ल ज ल म ह 1 र व क लय : न ल ब कह नय (च न द कह न स ह), प.स. 23 2 अ भष क व तव : इ तज र नय सव र क (कह न ), कथ म (प क ), ज ल ई- सत बर 2013, प.स. 95 310

ग ज र ड ल ह वह भ म वच र ध न क द क प म? यह भ रत ह जह एक मन य न अपन ज वन क जव न और ख बस रत त स वष य य क त म ह ज ड ल...?'' 1 इस कह न म आग ल खक कहत ह ''हम र प लस यव थ क प स त अपन एक प थक आच र-स हत ह यह ज नत ह क फल न त कर ड़ क घपल म न क तक ध स ह, अपन स र क लए जरखर द ल ड क भ त ह थ ब ध म त द रहत ह प लस अध क और जल धक र... इनक क न न ह थ इतन ल ब ह क कस नरपर ध क भ उसक पन गग ह स ख चकर ज ल म सड़ ड ल '' 2 र जन तक यव थ म बढ़त अपर ध व क क रण ल ग म अस र क भ वन बढ़त ज रह ह सम ज म अपर ध क म बढ़ गई ह ए.असफल क कह न एक म ड़ ऐस भ म ब हर स आई आ लय क क छ मनचल क स मन करन पड़त ह तब द प उसक मदद करत ह तब वह आग क सफर क लए द प स प छत ह ''जयप र-आगर म त क ई खतर नह ह ग न? तब द प कहत ह क '' य कह सकत ह...र प क रक ड बन रह ह इ डय, शम आत ह '' उसन छ प लय '' 3 आज क र जन त स द षत यव थ म र जन तक स र ण त उ च पद स न श स नक अ धक र अन तक और अस म जक क य करत ह इसक च ण जय र म क कह न ख र प न म म ग श कहत ह ''च र दन स घर म अ न क द न नह, ब च बलख रह ह कसक पड़ ह हम र हज र झ ड, हज र प टय क ई इस क स रह ह क ई उस क स रह ह ब च म मर रह ह हम क ई ईम न स बत य न त ओ क गर ब क चत क आग पर र टय स कन व ल ग म ग श क आ ख म ख न थ, आ स स र कबक बह च क थ '' 4 1 र क श क म र स ह : ज ड़ ह रल क पकथ (कह न स ह), प.स. 21 2 र क श क म र स ह : ज ड़ ह रल क पकथ (कह न स ह), प.स. 32 3 ए.असफल : एक म ड़ ऐस भ (कह न ), व गथ (प क ), जनवर 2013, प.स. 46 4 जय र य : ख र प न (कह न ), कथ म (प क ), जनवर -म च 2013, प.स. 54 311

आज क श स नक यव थ अथ क बल पर ह चल रह ह कह न त ल ग क प र थ तय क फ यद उठ रह ह आज क श स नक यव थ अथ क बल पर ह और उस भ तर स कल षत कर रह ह क न न- यव थ स म ह त ह ए भ क छ नह कर प त अवध श त क कह न नम छय म ब ल टव कहत ह ''हम मनल ह, हमस ल ग डरत ह '' उस अपन आपक मनल कहलव न म फक ह त ह इतन ह नह वह च न व लड़कर न त बनन क फर क म भ ह उस प र यक न ह क उस च न व क टकट मल ग और वह च न व ज त भ ज एग वह नम छय स कहत ह - ''स ह ब क आस रव द स टकट मल ज एग फर द खह कइस ज तत ह हम इल शन '' 1 ओह! त त ह र स ह ब क ई बड़ न त ह नम छय कहत ह मध क क रय भ अपन कह न न द म क च ह म यह सव ल करत ह प लस क क य क ब कस र ल ग क म थ पर मढ़ दय ज त ह और र जन त अपन कत य क इ त कर ल त ह म स म जनत उनक वर ध नह कर प त र जन त म अर जक त व क भ व बढ़ ह ज झ आ द लन म श थलत आई ह स जय क दन क कह न 'म र सपन व पस कर ' म य व वग तथ क छ ल ग न व मप थ आ द लन क उपय ग अपन हत क लए कय तथ स त क कर ब पह चन क लए कय व मप थ वच रधर क आ द लन क चल न व ल व धर स द स त क ल भ म इसस अपन व थ स करन लगत ह पर त अज य और श शक त क अब भ यव थ पर व व स ह - ''ठ क ह हम र स गठन न ऐ तह सक भ ल क ह उनक न त व गलत ह थ म चल गय ह उसक क म सफ स व ज र रहन रह गय ह ल कन इसक य कतई अथ नह ह क हम र वच रध र ह गलत ह '' 2 र जन त ष क क रण अर जकत बढ़ ह सभ अपन व थ म इसक य ग कर रह ह अन ज क कह न 'म इ व व ट वर' म ससव क ड क ब द तव र अपन छ ट बहन क 1 अवध श त : हमजम न (कह न स ह), प.स. 99 2 स जय क दन : ब स क प ट (कह न स ह), प.स. 56 312

ह य क बदल ल न च हत ह म लम आ द लन क क रण उसक ज न गई थ एस.ड.एम. बनकर आए र म तव र क त न क ख ल जम न क हड़पन च हत ह '' तव र न अपन पद क इ त म ल कय उ ह न क त न व ल जम न पर म इ व व ट वर ल न क आद श ज र कर दय स थ ह अम न अमल वग रह स स र ग णत समझकर क गज पर यह दख दय क ब ज रय क त न क च थ ई जम न त ज म इ ल मय क नह ब क सरक र क ह '' 1 प कज म क भ कह न 'क ब क एक ल ककथ तज ब ट और बबल ' म ट श सन यव थ क च ण सज वत स त त ह त ह व लफ यर म न टर क द र स पहल स ध र क य कय ज न क दख व करत ह अफसर कहत ह - '' फर स बकर म ग द न पड़ ग द र स ठ क पहल ल कन य स ल ग ड़ -ब ड़ द खन ह क चय द, क चय द (प स द ) क न र ज भखम ग क तरह लग न लगत ह एतव क समझ य गय क सबक बत द क चय मल ग ल कन ब द म '' 2 सभ क द त न दन सबक रहस ल कर य ज त ह और न त ओ क आ व त करव य ज त ह क - ''सब त य र द र त ह, प र वक स दख ग जबद त क म चल रह ह एतव ह थ म बकर क ड र पकड़कर ऐस म कर त ह क बस ह थ ज ड़कर 'ज ह र' ब लन भ स ख गय एकदम पफ ट '' 3 आध नक श सन यव थ इतन द षत ह च क ह क उसम अथ क अनथ ह अ धक स भव ह प लस कस भ असह य य क ब द बन कर अपन कत यपर यणत क म ण द न लगत ह ए. असफल क कह न 'अब कह ज ओग ' म प लस श सन क इस यव थ क च ण मलत ह द ग क प छ प लस क इ छ ह त ह वह इस बह न म स म क श षण करत ह प लस वत म न र जन त म सरक र र जन त ओ क कठप तल बनकर रह गई ह ''द ग क प छ सरक र क ह ह थ ह क श और उसक द त क म य स व द क म यम स ल खक कहत ह - क श न प छ - ''लड़ ई कस ब त क ह?'' 1 अन ज : म इ व ब ट वर (कह न ), ल ह (प क ), अक ट बर- दस बर 2005, प.स. 84 2 प कज म : क ब क ल ककथ तज ब ट और बबल, नय न दय, अग त 2008, प.स. 36 3 प कज म : क ब क ल ककथ तज ब ट और बबल, नय न दय, अग त 2008, प.स. 36 313

'' य पत '' क ई ख ' स ब ल ''क न कर त ह?'' क ई नह ब ल फर थ ड़ द र ब द क ई ब ल, 'भर प ट क... '' ''और सरक र...र कत नह?'' क श न अभ कह ह थ क एक स थ धमक कर चढ़ ब ठ उस पर...''च प रह ब ए ए ए फ लत क ख चड़ कर रय ह...क ई सरक र बरक र ह भ स र द नय प त त कर, उ व दय और दल ल क र ज ह '' 1 र क श भ रत य क कह न 'इ म न न' म ठ क द र क र ग व क ल ग पर कय ज रह श षण क तब ज व त च ण मलत ह जब भ कर रम सर स मह त ज क प स द न पर सव ल करत ह क - ''यह य क गय, रम सर?'' भ कर न म टरस इ कल च लक स प छ ''मह त ज क द ण नह द न ह?'' कहकर म टरस इ कल च लक झ पड़ क ओर बढ़ और दस पय द कर एक ल ल पच क स थ ल ट फर भ कर स कह. ''ग र क पच ह परध न ज स य द कर ल ल ग दस पय '' ''य य ब त ह ई? प छ क प ल स सद सद य व ल फ ड स बन ह त उस पर स ग जरन पर ग र क पच क स कट... '' ''आप भ म टर स हब कत ब व ल ब त करत ह कत ब व ल ब तय कत ब म ठ क रहत ह '' 2 आज क र जन त ग ड क र जन त ह इस क रण हम र द श ट च र, र वतख र आ द फ ल रह ह र जन त अपन व थ प त क धम, ज त, यत क र जन त कर रह ह र क श क म र सह क कह न 'ओह पल म ' म दद आ ध न कहत ह ग व म बढ़त ब र जग र, अपर धक व, वक पह नत न सलव द क बढ़ रह ह - ''उ व द क लए ख द ब ज ह - अ श और गर ब य ज त पर नभ र थ ड़ ह ह त ह...अब यह श त ब र जग र क भ कई 1 ए. असफल : अब कह ज ओग (कह न ), स क र (प क ), मई 2001, प.स. 210 2 र क श भ रत य : इ म न न (कह न ), ग तश ल वस ध -84, प.स. 146 314

गर ह ह ज श डक तय ड ल रह ह र गद र ट स वस ल कर रह ह अपन करत त पर कस स गठन र द त ज ल ल इस स सट कर गर ब स अन ज और ध नक स पय वस ल क धन स ह थय र और बड़ न त ओ क आर म- वल स क स धन खर द ज त ह '' 1 र जन त अपर धक व य क थ न बनत ज रह ह न त ओ क व थ म र जन तक यव थ क बग ड़ दय ह अपर धय, न त ओ क व थ क क रण ल ग क अ धक र छनत ज रह ह और श षण, ब र जग र क बढ़ व मल रह ह न कष त: कह ज सकत ह क आज क ज वन पर र जन त क बह त गहर एव य पक भ व पड़ ह य, आदश, ज वन म य क व त त करत ज रह ह एव अथ ह उसक ज वन क य य बनत ज रह ह 8.5 र जन तक ट च र क वर ध आज क र जन तक यव थ म ट च र क सम य सव दख ई द त ह र जन त क गलत न तय क क रण आज ट च र क बढ़ व मल रह ह सरक र स थ ओ म ट च र जड़ तक व म न ह ट च र और र जन त हम श सरक र क ओर स आर भ कय ज न व ल य जन ओ क दमन म लग रहत ह वत म न स दभ म य जन ए द श क आ थक थ त क स ढ़ करन क थ न पर अपन व थ क प त क लए ल य गई त त ह त ह र जन त क ट च र क दलदल म फ सत ज रह ह जनत क यव थ प ग ह त ज रह ह र जन त ष क क ब द बन रह ह ट च र क जड़ शहर म ह नह, ग व म भ गहर ह त ज रह ह ग व म ठ क र और सरक र अफसर ज गल क क टत ज रह ह आ दव सय क लए ज वन म न ज न व ल ज गल क उनस द र करत ज रह ह यह क रण ह क ग व म रहन व ल म ण और आ दव स य तन ओ क प ड़ स त ल ल पत क क रण न सलव द बनन क ववश ह रह ह इ तज र नय सव र क कह न म च कहत ह ''प र भ रत क हर क न व ल म ख क 1 र क श क म र स ह : ओह पल म (कह न स ह), प.स. 190 315

जईस धधक रह ह हर क ण म स घष ज र पर ह आम आदम भ हम र स घष क ह स ह मह ग ई, ट च र, ब क र न उह क भ त ड़ दय ह वह वनत कर-कर क ह र गय ह...हम ल ग नव क म थ ड़ ह कर रह ह ब ल-ब च क भ व य स ज र प ट क सव ल ह ख त रह नह, न क ई क म द त, न भ ख कह स ल ए भ जन क नव ल भ ख ब च क म ह भ नह द ख ज त '' 1 स म जक य य र य यव थ क थ पन और स र क यव थत करन क बज य, वय न त ह अपन ल भ क लए इसक इ त म ल कर रह ह आज क न न ट च रय क ह थ क कठप तल बन गय ह ठ क द र, न त ओ र गर ब आ दव सय क जम न हड़पन क लए उ ह म त भ घ षत करन क भ गलत नह म नत ज ड़ ह रल क पकथ कह न म ब ग न म ड क अपन आपक जद स बत करन क लए सरक र द तर क च कर क टन पड़त ह र क श क म र सह कहत ह ''च र प स ज ड़त ह र च ड ट नग ज क इजल स म द ड़ लग त वक ल म त र स अरज ग हर ई करत क न उप य स हमक जय द स हब हम र जम न बद र म सर स छ ड़व द स हब '' ''त ज द ह ह र!ठ क द म कदम म सर पर ''इतन प स कह ह स हब? वह ववशत कट करत ''त भ ग सख बन पह क य व ( य य) ख ज़त ह '' ''मरन म क ई खरच नह ब ट पर जद ह न म बह त पय लगत ह '' 2 स व दन श य क ट -कचह रय और ट सरक र मश नर क द र त द र प हय... छल उ स ह, ट ट तन और ऑव ज स स लगत मन... व पस ज गल ल ट पड़त ब ग न म ड '' 1 अ भष क व तव : इ तज र नय सव र क (कह न ), प.स. 95 2 र क श क म र स ह : ज ड़ ह रल क पकथ (कह न स ह), प.स. 125 316

स जय क दन क कह न म र सपन व पस कर क क मर ड व धर वम क म यम स ल खक समत क ढ ग करन व ल य क पद फ श करत ह वह तब र गकम बनकर सम ज म समत क भ व ल न च हत ह वह द सर ओर ट च र और ख खल पन स ग त ह क मर ड स भ वत छ अजय म जब उसस इस ख खल प क ब र म सव ल करत ह त वह नज म मल कहकर ट ल द त ह तब वह छ प छत ह '' नज म मल य ह त ह क मर ड? आपन ह कभ कह थ क स गठन म क छ भ नज नह ह त हम सबक ज वन ख ल कत ब क तरह ह, य द ह क नह, आप ह न कह इस लए म यह प छ रह ह क य ट, य एयरक ड शनर और ग ड़य आपन क स ह सल क '' 1 ट च र र जन तक त क अ ग बन गय ह श षण, दमन च, दलगत वस ग तय, ट श सन य गत और प रव रक वक स सव प र बन गय ह द श क वक स ग ण ह गय ह खल कह न म र न क म र कहत ह '' म, धन श द त और श स धन आत ह और ब द म धन वय म श बन ज त ह इस लए अक स अक त धन क ल स उठत ह और ट च र क ज म ह त ह अत: ट च र स भड़ त ह त श क प ज मर ड़न ह ग '' 2 सरक र वभ ग म ट च र एक र त- रव ज क तरह बनत ज रह ह सरक र त म छ ट स बड़ एक प रव र क तरह ट च र क बढ़त ज रह ह च ड़य घर कह न म म थ र स हब कहत ह ''हम ल ग क ज उ वभ ग ह न यह एक प रव र ह हम ल ग अलग-अलग जगह स अलग-अलग ब क उ ड स आय ह, ल कन सब प रव र क तरह रहत ह हम ल ग क ल ब समय तक स थ रहन ह फर क ह नह मल-ज लकर रह...इस वभ ग क क छ उस ल ह, क छ पर पर ह उसक प लन करन सबक लए ज र ह द खए इ सरक र ई द श, असल म 1 स जय क दन : ब स क प ट (कह न स ह), प.स. 53 2 र व क लय : न ल ब कह नय (कह न स ह), प.स. 28 317

हम ल ग चल त ह और फ इल हम ल ग न च स ऊपर भ ज ग ह नह त क छ ह ग? हम च ह त प र स टम ठप कर द '' 1 जय र य क कह न ख र प न म भ दय इस तरह क र जन तक ट च र क च ण करत ह दय सम स मछल पकड़न व ल य ह वह कहत ह ''बड़ -बड़ क प नय क जह ज ह द रय म उन ल ग न ख ब खल य पल य ह म य क हम गर ब मछ र क ज ल उनस ट टत -फ टत ह त परव ह कस ह र जन त ओ क अपन व थ ह, य प रय क अपन ब च म घ न क तरह प सत ह हम गर ब '' 2 स म जक यथ थ क ढ च बह त क छ र जन त ह नध रत करत ह हम र र ज-ब-र ज ज वन पर कहर ढ न लगत ह आज र जन त एक ध ध क तरह ह गई ह ज र जन त ओ क व थ स चलत ह अज न क ट ग ट कह न म यह य त ह आ ह द पक क म र क ख ल म वण पदक ल न पर र जन त अपन आपक ठ बत न लग ज त ह ''कम ल ह ल कन उस लड़क क उतन नह जतन क आपक भ भ क ह र मलखन भ ई बध ई इनक द जए...अर भ ई स हब म म स हब क ज त ह न हम र म म स हब उसक अपन एक डम म द खल करव त न जमश दप र क ट ट ट ल एक डम म द खल करव कर म ट करत और न यह पह चत '' 3 ग व म ठ क द र, जम द र, अपन व थ प त क लए क छ भ करन क त य र ह ज त ह यह तक क सरक र क न तय क गलत फ यद उठ न क य न म लग रहत ह र क श भ रत य क कह न 'इ म न न' म ग व क ध न क ल क प स क य ग ब ट क श द म करन च हत ह पर त उस यह भ भय लग रहत थ क क ल म नय आय म टर स हब कह क ई पर श न न खड़ कर द ध न म टर स हब क व व स दल न म क मय ब ह ज त ह क वह प र हस ब- कत ब सह स द ख ल ग म टर स हब उसस कहत ह - ''अर ध न ज! म झ 1 जय र य : ख र प न (कह न ), कथ म (प क ), जनवर -म च 2012, प.स. 56 2 स जय क दन : ब स क प ट (कह न स ह), प.स. 92 3 अन ज : ट ग ट प रकथ (प क ), नव बर- दस बर, 2010, प.स. 39 318

आपक मत पर प र व व स ह आप ह स भ लत र हय '' म टर स हब क ब त स न ध न अपन प न स कहत ह - ''अब हमक इ म न न ह गय...इस स ल स न त क लगन ह ज एग...प र न ह डम टर स हब क भगव न क ब द स हम च तत थ क उसक जगह उस ज स क इय न आ ज य पर नय ह डम टर त स झव नकल '' वह आग कहत ह - ''अर, ह स नह म ग ग हम जह कह वह ह त खर करन क त य र ह इधर सरक र प स भवन क लए आत ज य ग और उधर स न त क लगन क त य र ज र पकड़त ज एग '' 1 र जन तक प रव श क य पर बह त भ व पड़त ह ट च र, र वत, हड़त ल, हस, च न व आ द क शक र ह त रहत ह कमल वर न कह ह क - ''र जन तक म य त ट च र, व थ परत, भ ई-भत ज व द, ज तव द, तव द ज स फ ड़ र क शर र म एक एक फ ट पड़ और च र ओर मव द, सड़त म स और ग द ख न क महक भर गई '' 2 वत म न र जन त म ज ट च र, म य क पतन, श षण सम हत ह इसक क रण स म जक अस ग तय प ल वत ह रह ह स त ह थय न ह त स र म य और न तकत क त क पर रख दय ह जनत क ल भन द रह ह अपर धय क र जन त शरण द रह ह आपर धक व क य आज स त क उ च पद पर आस न ह इ ह सब वषय पर इ क सव सद क ल खक न अपन कलम चल ई ह आज क र जन तक व त वरण द षत ह त ज रह ह द श ब र जग र, ब क र, ट च र बढ़त ज रह ह र जन त हर म अपन प र फ ल रह ह चह ओर ट च र म ल त यव थ स आम आदम ब ह ल ह आज द क ब द द श म ट र जन त क तहत कस भ द तर य स थ न म सफ रश क बन क य नह ह त स जय क दन क कह न ' च ड़य घर' इसक सज व उद हरण ह ग ध 1 र क श भ रत य : इ म न न (कह न ), ग तश ल वस ध - 84, प.स. 151 2 कमल वर : नई कह न क भ मक, प.स. 15 319

ज क वचन क अपन व थ स क लए य ग करन क वण न 'ग ध जय त ' म मलत ह इन कह नय म हम र सम ज क यव थ म च ट तक फ ल ट च र क च ण ह य अन तक आचरण करन स नह हचकत ह आज सरक र त इतन ट ह च क ह क च द पय क ख र वह प ज प तय क ग ल म बन गय ह इस क रण य यवस यक ल ग म स म जनत क फ यद उठ त ह र क श भ रत य क कह न ' य श ', प कज म क कह न 'क ब क एक ल ककथ ब ट और बबल ' म इसक च ण मलत ह ' य श ' कह न म म ण अपन जम न पर ख त करन क बज य प पलट क प ड़ लग रह ह य क म चस क फ टर व ल उ ह इनक बदल बह त पय द रह थ एक ब ज ग कस न कहत ह - ''इ ह य समझ ह कस न क पर श न क? ह थ म च र प स क तरस ज य कस न भगव न भल कर स रत ब ब क ख नद न क म चस फ टर क स ध स द करन क र ह दख ई ग व क प शग प स मल रह ह प पलट क स रत ब ब क करप स आज हर च थ घर म टर ह... '' 1 ट च र न द श क जड़ क अ दर तक ख खल कर दय ह आज र जन त, म तथ सरक र त क सभ आदम ट च र म आक ठ ड ब ह ए ह कभ -कभ कम ठ ईम नद र य भ ट च र क गर त म इस तरह आ ज त ह क उसक अ त उसक म य म ह त ह स य ब ल क कह न 'म पव ' क न यक स श त एक ऐस व नक ह ज द श क ग त म य गद न द न च हत थ अ य ल ग क ष क क रण उस फ स दय ज त ह वह उनक ब र म कहत ह - ''वह य ग क न म पर अपन घर वद श उपकरण स भर रह ह व मनम न नय य कर इ ट य ट क र जन त क अख ड़ बन रह ह '' 2 सम ज क क ई भ वग ऐस नह ह ज ट च र म ल त नह ह वत म न य ग म बन र वत दए क ई भ क म प र नह ह त सरक र द तर म र वत क स य थ पत ह 1 र क श भ रत य : य श, व गथ (प क ), अ ल 2012, प.स. 30 2 स य ब ल : म त पव, ख शब, स. उ म ल शर ष, प.स. 34 320

च क ह मध क क रय क कह न 'फ सल फर स ' म मह व त द व क भ इनक स मन करन पड़त ह - '' य: एक ब र हय रग ह त त द -त न ब र सफ त र ख ह द ज त...ल कन प श वर वक ल क इस ब त स क ई मतलब नह थ, वह त हर त र ख क एवज म त न स पय क म ट रकम बत र अपन -अपन सहय ग क फ स एव क ट क खच ब लकर झड़प ल त मह व त स '' 1 द श म बढ़त ट च र क सम य पर सभ कह न क र न अपन ल खन चल ई ह द श म च र तरफ अपर धक व य बढ़त ज रह ह म स म कस न क अपन ह थ म हल क जगह ब द क उठ न पड़ रह ह 8.6 श क म र जन तक दखल आज र जन त हम र ज वन क अ नव य अ ग बन गई ह व लय म भ इस र जन त क व श ह गय ह कस भ द श क र जन त क म य आध र य व वग म न ज त ह य क छ और य व वग ह द श क भ व य ह र जन त सम ज क अ य वग क स थ-स थ छ पर पड़न व ल भ व क प ट करत ह ए मध क क रय रहन नह द श बर न ह म कलक त व व व लय म य त र जन त क च ण करत ह ई कहत ह ''कलक त क म डकल ह टल कस ग र कलक तय और र जन त स बचकर चलन व ल क लए जदग क जबद त प ठ ह आप कस स मतलब नह रख, सफ पढ़ ई स व त रख त भ ज न नह द त ल ग '' 2 छ ज वन तथ व व व लय म कई व थ न त बनन च हत ह मह नगर क व लय म कई छ स घ एव प रषद क गठन द खन क मलत ह इ ह छ प रषद क च न व म ग ड गद और र जन तक न त ओ क भ ग द र भ दख ई पड़त ह कलक त क म डकल क ल ज क ह टल क च न व क र जन त क च ण करत ह ए मध क क रय कहत ह 1 मध क क रय : ब तत ह ए (कह न स ह), प.स. 158 2 मध क क रय : भर द पहर क अ ध र (कह न स ह), प.स. 67 321

''द न य नयन व ल ह धमक त थ क य नयन क इल शन म उ ह ह व ट द म भ श म झम ल स बचन क लए द न क ह कहत रह द ग फर ऐस ह आ क च न व म एस.एफ.आई. एक व ट स ह र गई घ र लय च गड़ न म झ...म र -प ट, जल ल कय...धमक द क ह टल छ ड़व द ग '' 1 व लय क र जन त श र जन त नह रह गई ह अब उसम कई अपर ध वग तथ र जन तक स गठन क सम व श क क रण व लय म आय दन झगड़ ह त रहत ह क ल ज क लड़क लड़ कय क स थ छ न -झपट, जबरन वस ल आ द क य कय ज त ह वमल च प ड य क कह न प व सफ एक श द ह म व थय क र जन तक दल क बहक व म आकर अपर ध बन ज न क च ण कय ह प म दवस ज स व ल ट इन ड, च कल ट ड क वर ध करन व ल ''ज ल ग आपस म म करत दख ई द त थ...लड़क क म ग बन त थ...लड़क स लड़क क ह थ पर र ख ब धव कर द श क मह न स क त क य द कर त...पथ ट ल ग क म रन क लए य: ह क ड ड क ह य ग करत थ '' 2 च यस कह न म अजय न व रय न व लय म श क क म य ज त-प त क र जन त क सज व च ण कय ह '' व लय म पच स ल ग क ट फ थ इसम ब स व ट एस.स और एस.ट अ य पक क थ, स त ग जर द ज न थ, एक म सलम न और त न ठ क र, द ज ट, च र ब नय, छ: र य ज, एक न ई, द म ल, एक क म और ब क प च ण थ प पल स हब न व त र स एक-एक अ य पक क न म और ज त बत त ह ए उनक स य स फ क '' 3 अ य पक क ट फ स टर क च न व म अ य पक म भ दलगत र जन त क म मक च ण ल खक न कय ह व लय म र जन त अ य पक, व थय तक ह स मत नह रहत वह क व त वरण म भ यह र जन त दख ई द त ह च यस कह न क य प य इसक प ट करत 1 मध क क रय : भर द पहर क अ ध र (कह न स ह), प.स. 68 2 र व क लय : न ल ब कह नय (कह न स ह), प.स. 91 3 अजय न व रय : यस सर (कह न स ह), प.स. 44 322

ह '' ट फ म म अलम रय क ऊपर द व र पर मह म ग ध स ल कर ब स, न ह, भगत सह, शव ज, ल म ब ई, ड. अ ब डकर तक क बड़ -बड़ च ट ग थ कस म लम, सख, ज न, ईस ई न यक क च वह नह थ... य च क ट गन म भ स त -सम करण ह '' 1 आ थक सम य ओ क क रण भ कई य व र जन त म च ल त ह य क गर ब, भ खमर, ब क र, ब र जग र आ द क क रण य वक-य व तय तक र ग त व धय म भ ग ल त ह ब तत ह ए कह न म ल खक व लय क च ण करत ह ई कहत ह '' व व व लय क सभ दव र न सलव द ल ल सल म, च न क र त हम र र सत, च यरम न म ओ जद ब द ज स गरम-गरम इ कल ब न र स र ग ह ई थ और सभ लड़क लड़ कय ध व पर खड़ नजर आत एक व जनक स र तल श र ट पर आकर ठहर ज त थ और ड स भ य पक व त र ज ह नजर आत थ प ट क और द सर व जनक आ ख म त क सपन झल मल त थ और ज अपन दय क धड़कन एव आ म क स ग त क ठ तक र स ह य म स नत थ '' 2 व लय म र जन त क बढ़त ह त प व थय क भ व य क खतर म ड ल दय ह र जन त क व श न व व व लय क ग रम क च ट पह च ई ह बस त कह न म सज व च ण मलत ह जब र जन तक क रण म स र श क स थ य य नग ब ब क जगह र म व श सह क भ ज ज त ह ज स र श क मदद नह कर प त और वह ह र ज त ह ''उसक क ठन च ल क ब द उसक त क च हर पर शकन क लक र स फ-स फ झलक रह थ...तभ वर ध ट म क क त न न उसक त क क न म क छ कह थ...और त क ऊ ग लय न अपन ख बदल लय '' 3 ख ल क द र न जब उस अपन य य ग क ज रत पड़ तब वह वह नह थ व त छ र जन त क शक र बन मदद न करन क लए ववश थ समक ल न यव थ म प लस श सन, ट यव थ क च ण च दन प ड य क कह न 'भ लन ' 1 अजय न व रय : यस सर (कह न स ह), प.स. 57 2 मध क क रय : ब तत ह ए (कह न स ह), प.स. 74 3 र क श भ रत : बस त (कह न ), प रकथ (प क ), जनवर -म च 2010, प.स. 103 323

म सज व प स त त ह त ह र जन तक यव थ ज नत भय त सम ज क वड बन मक थ त, क त क असफलत तथ र जन तक श षण क क रण वच लत आम आदम क म मक च ण मलत ह ग लशन क भ इस र जन तक यव थ ज नत यव थ क श षण क स मन करन पड़त ह प लस उस आत कव द प म स बत कर द त ह प लस ग लशन क गलतफहम म पकड़ ल त ह प लस क अपन द नक स य प र करन क म क मलत ह प लस क पट ई स वह अ ध -बहर ह ज त ह ल खक यव थ क ख खल और स द ध थ त क च ण इस क र करत ह - ''.पर अगर वह नह आय ह त त हम यह कभ पत नह चलत क ग लशन ग लफ म ह च क थ और म दर हमल क म य अ भय त 'ह न ' व ल थ '' 1 इ क सव सद क कह न क र न प लस श सन यव थ क ट ह त व प क सज व और स म च ण अपन कह नय म कय ह य आध नक च तन क गलत अवध रण क प रण म ह 8.7 र जन त म ज तव द और उसक वर ध सम ज क आ थक सम य ए र जन त क वस ग तय क ख ल च ण इ क सव सद क कह नय म मलत ह र जन त म ध मक सम य ए, ज तव द इस तरह स ज ड़ गई ह क उ ह वत प स पहच नन अस भव ह भ रत क र जन तक प र य म धम तथ ध मक ज वन क स ब ध कड़ क प म ह आ ह भ रत क र जन तक प र य म यह य प स स ब धत न ह कर न त ओ तथ धम च रक र अपन व थ प त क लए ध मक ज वन क र जन त स ज ड़ ज त ह ग व म धम क र जन त दख ई पड़त ह नक ब कह न म ल खक इसक च ण करत ह ए कहत ह ''प ट म म यम बनन और बन न क ज ड़-त ड़ श ह गई पर त प ट म ख क तरफ स प ट नद श आय क म यम अन स चत ज त क ह न च हए '' 2 1 च दन प ड य : भ लन (कह न स ह), प.स. 68 2 अजय न व रय : यस सर (कह न स ह), प.स. 33 324

र जन त अपन व थ परत और स त ल ल पत क क रण र जन त म ज तव द क ध न वषय बन त ह इ क सव सद क कह न क र स द यक स व च हत ह, पर त र जन त ओ क ज तगत र जन त क क रण यह स भव नह ह प रह र जन तक आध नक च तन क भ व ह ह क आज जनत ज तगत र जन त क वर ध करत ह और र जन त ओ क ज तव द क बढ़ न क य स क वफल करत दख ई द रह ह नय च हर कह न म श रल क वच र स ल खक इस च तन क ज ग त करन च हत ह ब बर म जद क व स क खबर पर श रल कहत ह ''एक ऐ तह सक म रक न ट... '' म न कह थ ''ऐ तह सक म रक य ऐ तह सक बख ड़...? श रल व त वर म ब ल थ ''व ट क म हर द ख ल न...अब ढह न व ल न र लग ए ग क म दर वह बन ग और जव ब ह ग यह म जद द ब र खड़ कर द न मलकर कभ नह कह ग क झगड़ ख म कर झगड़ ल जगह पर भगव न य ख द नह टकत स वह ब च क लए क ल, ब ढ़ क लए क ई प क, क ई अ पत ल य स ह लय ह बनव द '' 1 ग ध जय त और च ड़य घर कह न म भ ज तगत र जन त क च ण मलत ह च ड़य घर क श ल म श ल प व ह स त और दब ग ह इस क रण उस यह पस द नह क उसक स स स धन म क चत म भ अवर ध उ प न ह और यह कस द लत य न न ज त क वक स नह द ख सकत उस जब पत चलत ह क उसक द म द र वश कर द लत, य तथ अ य उप त तबक क ऊपर थ सस लख रह ह त वह कहत ह ''इन स ह यक र न सब म थ पर चढ़ दय ह और और छ ट ज त व ल सबक न च ज त न च रह ग उ ल ग पर कह न -क वत लख द न स उनक स क र थ ड़ बदल ज एग औरत औरत रह ग, उ मद नह बन ज एग '' 2 प टत: ऐस वच र और न तय न त ओ र अपन न स समरसत क र ह म र ड़ अटक त ह 1 र क श क म र स ह : ज ड़ ह रल क पकथ (कह न स ह), प.स. 12 2 स जय क दन : ब स क प ट (कह न स ह), प.स. 62 325

र क श बह र क कह न बस त म व लय क यव थ ज र जन त क म ख अ ग बनत ज रह ह उसक स दर वण न कय ह र जन त व लय म व श कर व थय क न कस न पह च रह ह स र श क भ शतर ज क ऑल इ डय य नव सट च पयन शप म इसक स मन करन पड़त ह नग ब ब ज ख ल-क द क य पक थ और क यद स ज ह ट म क म न जर बनन च हए थ ल कन व व व लय क र जन त म न न-ट चग ट फ क द सर दज क न ग रक ह समझ ज न क क रण उनक जगह र म व श सह क भ ज गय ख ल क द र न जब उस उनक ज रत पड़ तब वह वह नह थ - ''उसक क ठन च ल क ब द उसक त क च हर पर शकन क लक र स फ-स फ झलक रह थ...तभ वर ध ट म क क त न न उसक त क क न म क छ कह थ...और त क ऊ ग लय न अपन ख बदल लय '' 1 आज क य व वग म र जन त क त ज ग कत आ गई ह वह र जन त ओ क ष और बहक व म नह आन च हत वह ज नत ह क य अपन मकसद क लए इनक इ त म ल करत ह र मय ज लय ट और अ ध र कह न म क ण ल सह यह कट करत ह ''यह क ह और क म ह और जस आस न ब र कय ह ज र जबस ट ट म ए ज प (असम गण प रषद) और फ ल क म र मह त क श सन हट ह और त ण ग ग ई म यम बन ह तभ स ए ज प क सग आस क छ धम ल ट इप करन च ह रह थ क छ न मल त यह सह ज स ह त ल द न क क ई म ह थ आ ज य ग आई य र व इस भ ल ज ए ग '' 2 मन ज़ क म यम स इस कह न म ल खक यह बत त ह क दलगत र जन त म धम बह त बड़ म ह ज कस क श षण करन क लए एक अ छ ह थय र ह वह र जन त म ध मक स क ण त ओ क त ड़न च हत ह ''...म क न ह और क न ह त म? य हम र यह पहच न भर रह गई ह क म एक बह र ह और त म एक अस मज ह? य ह द म लम फ टर क फ नह थ इस द श क लए क अब य बह र अस मज फ टर फर अस मज म ह ब र -ब ड 1 र क श बह र : बस त (कह न ), प रकथ (प क ), जनवर -म च 2012, प.स. 103 2 क ण ल स ह : सन तन ब ब क द प य (कह न स ह), प.स. 148 326

फ टर पहल स व रन, असम फर डव इड असम फ ट - फ ट फर और न ज न य - य? 1 इ क सव सद क कह न क र इस र जन तक यव थ क तर ध करक उस उख ड़ फ कन क य स कर रह ह आज क कह न क र क स जन मक स यत न र जन तक ध मक स क ण त ओ क ख डन कय ह वत म न म स त क लए धम क ह थय र क प म य ग कय ज न लग ह, स द यक आध र पर सम ज वभ जन क ख ई और च ड़ क म न सकत म भ बदल व आय ह श सन त म अपन न क मय पर पद ड लन क लए इसक य ग कय ह आत कव द तथ थ न य अ पस यक सम द य क त ड़त करन आ द आ रफ क कह न 'त र' सम ज क इस अ पस यक सम द य क त ड़न क अ भ य मलत ह 'त र' म रहम न भ ई क ख नद न इ क ध ध म ह उनक म र छ प इ पर लग च ब ( च ) यह बत त ह क यह त ल द ल, नगर, अम तसर, ल ह र और प श वत तक ज त ह रहम न भ ई क च क यह ह क आज द क ब द जब क यह त ल भ रत क ब हर नह ज त तब भ च लग ह तब प लस व ल उ ह प क त न शहर स न म ह न क क रण शक क द यर म रखत ह उन पर आर प लग य ज त ह क वह ''श शय म त ल बन त ह और तब ह क ल ड आत ह '' उ ह गर त र कर लय ज त ह ब द म त ल क ध ध छ ड़न पड़त ह 8.8 र जन तक श षण क वर ध आध नक च तन न र जन त और र जन त ओ द न क भ भ वत कय ह र जन त स द श क श सन त भ वत और स च लत ह त ह इ क सव सद क सभ कथ क र न इस अपन कह नय क वषय भ बन य ह इसक ध न क रण र जन तक श षण म न ज सकत ह अवध श त क ' नम छय ' कह न म ल खक सरक र श षण क खल फ आव ज उठ त ह आज क य व वग र जन त म अपन भ ग द र दख न लग ह यह क रण ह क वह श षण 1 क ण ल स ह : सन तन ब ब क द प य (कह न स ह), प.स. 155 327

और अ य च र क खल फ एक तर धक क प म खड़ ह न लग ह 'ब ल टव ' म कहत ह - ''हम मनल ह हमस ल ग डरत ह तब नम छय कहत ह ''.त मस ल ग डरत ह म झस सरक र डरत ह ''...प ल ख ल रह थ त ह र सरक र क, सरक र चल न व ल क ल ग क बत रह थ क यह यव थ न त -प लस-अपर ध क गठज ड़ ह कर रह गई ह य ल ग इस मह न ल कत क सबस बड़ द मन ह ऐस ल ग क ख म ज र ह '' 1 नम छय सरक र यव थ क श षण ट च र क जनत क स मन ल न क य स कर रह थ त क वह ज ग त ह ज ए वह म नत ह क जब जनत ज ग ज य ग तब द श, त इस म क क यव थ ठ क ह ज य ग वह ब ल टय स कहत ह - ''जनत त लड़ ग ह और ज त ग भ '' नम छय क वर ह नह च हर भ स त ह आय थ, ''त म और स ह ब सभ ठक न लग ज ओग '' 2 इ क सव सद क सभ कह न क र ल ग क र जन तक श षण क खल फ आव ज उठ न क लए रत कर रह ह जह ' खल ' कह न म र न क म र यह कहत ह - '' कस भ स त स भड़न क सबस क रगर तर क ह क उस सम त स, स क त, च ह, यवह र, रह य, ब ब क उज गर कर द हर स त अपन हफ जत क लए श षण और दमन करन क व धत त करन क लए सम ज म बह त स र क र स रचन ए त य र करत ह...इस लए स त स लड़न ह, उसक शक र करन ह त न भ प स ज क र स रचन ए ह उ ह उज गर करन ह ग... य क क र स रचन ए स म जक अ य य और वक तय क च ग ल म फ सकर फड़फड़ रह स म य मन य क स म ख ल ह दव नक ए ह त ह '' 3 म ण र जन तक श षण क सबस य द शक र बनत ह सरक र त क अफसर उनस उनक जम न हड़प ल त ह जय र य क कह न म द :ख कहत ह जम न हम ल ग क ह य क हम ल ग न ज म स ख त क ह वह ग व व ल स कहत ह - ''त म सबस यह कह ग क अपन अपन जम न क लए अ जय लग द इतन ज न ल क अब जम न क प 1 अवध श त : हमजम न (कह न स ह), प.स. 98-99 2 अवध श त : हमजम न (कह न स ह), प.स. 102 3 र व क लय : न ल ब कह न (कह न स ह), प.स. 19 328

ह ग तभ जम न अपन ह ग म न स न ह क सब द ल म, इस लए इतन भ गद ड़ कर रह ह कल क ई फ टर आन लग ग त यह प डत अपन स र जम न ब च द ग क ई भ मह न कस जम न क द प त स ज तत ह त व जम न उसक न म ह ज त ह इस लए फर कहत ह अब ब त म मत आईय अगर हम र इतन ह हत ष ह त त हम ऐस दश म न ह त '' 1 र जन तक च तन क प रण म ह ह क ग व म न त ओ क झ ठ आड बर और व द क उन पर अब क ई फक नह पड़त अब वह सजग और स वधन ह गय ह अजय न व रय क कह न 'नक ब' म ल खक ल ग क यह स द श द त ह क अगर आपक श षण क खल फ आव ज उठ न ह त यव थ म आकर ह आप इसक खल फ आव ज उठ सकत ह न यक अपन पत स कहत ह - ''प प स टम म क छ च ज ल न स क छ ह सकत ह, अक ल म य आप क छ नह कर प य ग तब पत त न करत ह ए प छत ह - ''तब य स च ह? हर इ स न क अपन मत ओ क पहच न कर ज वन ल य तय करन च हए वरन ज वन म न रसत आ ज त ह ''...म वच र क हर र त पर द ड़त और अ त म जह पह च वह र जन त क दरव ज स मन पड़त...य जगह व तव म हम र लए भ थ और अब तक हम ह इसस ब हर थ '' 2 प लस श सन, य य यव थ और र जन त र ब ग न ह ल ग पर ह रह श षण क वर ध इ क सव सद क कई कह नय म च त कय गय ह र क श क म र सह, अजय न व रय, अ खल श, स यन र यण पट ल, स जय क दन न इसक म मक और सज व च ण त त कय ह र क श क म र सह क कह न 'ख ई ह ई क ड़य ' क य प य इसक प ट प म कट करत ह '' ट प लस क च ज श ट, ग त -ग ग जल क झ ठ कसम ख कर सच बय न करत गव ह, अ ध, य द शय और ब ईम न दल ल पर टक यह य य य...गढ़ -फज सब त पर टक हम र द ड वध न और क छ ग त स र गत ल लफ त श ह अद लत क रव ईय 1 जय र य : ख र प न (कह न ), प.स. 54 2 अजय न व रय : यस सर (कह न स ह), प.स. 31 329

...सबम ब नय द बदल व क ज रत ह '' 1 य यत ह न पर भ आज हम र द श क य व ब र जग र बन भटक रह ह यह एक तरह क र जन तक श षण ह कह ज सकत ह क सरक र ब ब भत क लए प स क स मन य यत क मह व नह द त ' च ड़य घर' म र वश कर जब बन प स क भत करन क वक लत करत ह तब स थ अफसर कहत ह - ''य य मतलब ह य र पच स हज र म पघल गय जब हम कह च क ह क एक ल ख स कम नह ल न ह अर ऊपर तक प स पह च न पड़त ह, हम ल ग क ह थ आय ग भ य?'' 2 आज र जन त ओ क व थ तथ म न प न क च ह म गर ब ल ग क श षण ह रह ह य य यव थ भ इनक कठप तल बन गई ह आज व श ट स वध ओ क प न क च ह म न तक म पद ड क दफन कय ज रह ह जस क रण अपर धक क य क बढ़ व मल रह ह और स म जक, आ थक, ध मक म हस क व फ ट ह रह ह र जन त अपन व थ क प त क ब द न न वग क य क मह व नह द त प कज म क कह न म 'ऐतव ' क सम ज स ध र क क य म य ग कर फ ड त करन क ब द उसक ह य कर द त ह प स क ल लच द कर ज गल क र त बतल न क लए उस कहत ह और उसक इ क उ टर कर द त ह स ज न एतव क ग ड़ स उतरन क नद श द कर उस चलन क कहत ह - ''एतव ह र न म बढ़त गय प ड़ क आड़ म '' ''भ ग एतव भ ग स ल '' सह ज गरज हड़बड़ कर एतव भ गन लग ध य! एक ग ल चल '' ऐतव क ब द एक स क स क गई और कह - ''आप सबक ज नकर आ चय ह ग क इतन दन स उनक आदम श सन क न क क न च रह रह थ और इ फ म शन द त रह थ ज गल पह चत ह उसन अज ब गर ब आव ज नक लन श कर द हम र त न ल ग शह द ह ए ह हमन भ उनक प च ल ग म र ह इ कल डग द यर इ फ म र एतव बरह र '' 3 1 र क श क म र स ह : ज ड़ ह रल क पकथ (कह न स ह), प.स. 32 2 स जय क दन : ब स क प ट (कह न स ह), प.स. 183 3 प कज म : क ब क एक ल ककथ बतज ब ट और बबल (कह न ), नय न दय, अग त 2008, प.स. 38 330

न कष वत त क प च त भ रत क थ त म ज तक र प रवत न ह ए उसस भ रत म एक नई र जन तक लहर द ड़ गई एक ओर त वत त क ज न मन य ज रह थ, त द सर ओर कस न मजद र अपन स खमय ज वन क सपन स ज रह थ जम द र, कस न तथ मजद र अपन श षणक खल फ आव ज उठ रह ह भ रत य सम ज म आ थक उद र करण क य श ह न क स थ-स थ स द यक र जन त क वर ध म म खर ह ई ह आध नक तर व व क त यथ थ क दब व आज क ज वन और र जन त म व भ वक त र पर स य ह ह द कह नय द लत स व दन आ द महज स म जक र जन त क न न ह कर ल खक क अन भव ह कह नय क कथ -त व म र जन तक ट च र म ख प स व म न ह ज तगत भ द- भ व, ब टव र क र जन त हर म व म न ह र जन तक ज वन म त न ध ज जनत क र जनत क स व क लए च न ज त ह वह उनक श षण करत ह इ क सव सद क कह न क र न ट च रत क स च त व र उत र ह र जन तक क कल षत च ट ओ न आम आम आदम क पहल ह झकझ र दय थ व तव म स त श श ल ल ग क ह ह दलगत र जन त, हस मक व य, ट च र न र जन त क सह अथ क बदल दय जसक अ भ य र जक ज क न तय बन न थ वह अब र वतख र, अपर ध करण क ष म फ सत ज रह ह अब श सन क य क ग त व धय स जनत भ वत ह रह ह ल खक न कत यह नत, ट च र क उज गर कर ल ग क ज ग त कय ह स म जक-स द यक वभ जन, स म त प व ह, ज तद भ, लग असम नत तथ स त व त क ब हर क ल ग क नय त क स थ ह आध नक एव वक सत सम ज क वड बन ओ क च ण कय ह यव थ क वद पत म पर पर गत स त क फर ब एव आदम क ववशत, स त समथ ल ग क सफलत क आज क कह नय म य व कथ क र न च त कय ह च दन प ड य, अजय न व रय म ख प स इस वषय पर अपन ल खन चल रह ह न त ओ क य न-क न- क र ण क सज वत स कट कय ह उ ह न इस न हत थ म ध मक उ म द, 331

ज तव द, यत क स त वमश क उपकरण बन य ह उ ह न ल ग क प ड़, स म जक ध मक ब हतरन क न क न प य म ढक ल दय ह इ क सव सद क कह न क र न र जन त क बदलत व प, बढ़त र जन त अपर ध करण, भ ट यव थ, ट च र, ज तगत र जन त क कह नय म च ण कय ह आज र जन त क च र म स य नतम प यद न तक चल गय ह ज त क र जन त आ थक क पर व द क त कर रह ह 332