व द ज र ह. एम आर अय गर. र ज थ न क च द ग व म न हल एक घर ल ज न पहच न न म थ. ग व क क व ट क ल म पढ़न व ल न हल पढ़ ई म अ वल थ. मज ल क उसक रहत क ई कक ष म प रथम आन क स च भ ल त. इसक स थ वह थ भ बल क ख बस रत. घर- ब हर सब उस य र करत थ, पर अपन अपन तरह स. ल कन एक ब त थ ज न हल क सब स द र रखत थ उसक घम ड. उसक ख बस रत व अक ल क चच क क रण उसम ऐस वभ व उ प न ह गय थ. जब कक ष ए बढत गई त वह नए नए च हर आत ज त रह. क छ क बरस ब द, ऐस ह एक च हर थ आदशर. ज प स क ग व क कस क ल म पढ़ करत थ. पढ़ ई म वह भ बह त अ छ थ. अब वह और न हल एक ह क ल क छ त र ह गए थ. द न म अ वल आन क ह ड़ लग गई. पर क ष तक त द न क इ तज र करन पड़. पर क ष ए सम त क य ह ई क कक ष म चच र ए ह न लग क इस ब र प रथम क न आएग. आदशर ब लत कम थ इस लए उसक द त भ इस क ल म कम ह थ. इस लए श र त न हल क ह थ. इ तज र प र ह आ और प रण म आए आदशर प रथम. अब क य थ, घम ड न सर उठ लय. उधर आदशर क यह अ छ नह लग. पढ़ ई म आग प छ क नत ज, अ छ पढ़न क ह ड़ स ह न च हए, न क घम ड य ग र स. वह मन-ह -मन न हल स द र ह त गय. क त न हल क घम ड थ क कमत ह नजर नह आत थ. कक ष क हर पर क ष म न हल क आदशर स कम अ क मलत और हर ब र फर उसक स य घम ड ज ग ज त. एक अ छ पढ़न व ल ख बस रत लड़क क घम ड म जलत द ख आदशर क द ख भ ह त थ. वह च हत थ क न हल कस तरह अपन घम ड छ ड़, जसस उस भ क ई पस द करन व ल मल ज त. ब क वध ओ म त वह, अ छ त थ ह. ल कन ऐस ह नह रह थ. Available online: http://sahityasamhita.org/ Page 1
ह ई क ल स इ टरम डएट क द र न श तल न क ल म प रव श कय. पढ़ ई म वह भ अ छ थ. ख बस रत त बल क नह, ठ क-ठ क ह थ. वभ व स श तल बह त ह मध र थ. पढ़ ई क चलत अब न हल, आदशर और श तल त न म ह ड़ थ. नत जतन श तल, न हल स आग त आ गई, पर आदशर क प र न प सक. द न म आए दन ह ड़ रहत क क न ब ज म र ल ग. यह चलत रह द न म ह ड़ ह त गई और न हल क ओर स ल ग क य न हटन लग. बह त न स च अ छ ह आ क न हल क घम ड त ड़न क ई त आय, उधर ह ल त न न हल क घम ड क भ चकन च र कर दय. एक द सर क बर बर करन य य कह क स थर क प र त पध र क क रण दन - दन श तल और आदशर म कर ब आत गई. द न क म जल पढ़ ई म अ वल करन क ह थ. एक ल य क ओर बढत बढ़त न ज न कब व आपस म न सकत क पस द करन लग. उनम एक अपन पन पनपत गय, जसक द न म स कस क खबर भ नह थ. इसक पहल एहस स आदशर क ह आ, ल कन उसन इस ब त क उज गर करन उ चत नह समझ. ह सकत ह क प ष ह इसक म ख य क रण थ. वह ब त क अपन तक ह रख रह. ह इसक वपर त क ई हरकत करन क क शश नह करत थ, क य क यह अपन पन उस म ज र थ. क य पत श तल भ मन ह मन उसक ओर आक षर त ह रह ह? भल ह वह श तल क सह लय स बहन स बत र व करत ल कन वह गलत स भ श तल क स थ ऐस यवह र करन स बचत, जसस उस क ई गलतफहम न ह ज ए. पत नह यह उसक बचक न हरकत थ य फर उस आभ स ह रह थ क इनस म ख तब श तल उसक म न सकत क त ड़ ल ग. इ टर प र कर क ल स ज त ज त आदशर न श तल क इतन त जत दय क म त मस, त ह र सह लय क स थ स बत र व नह कर सकत. उसक स च म इतन क फ थ यह जत न क लए क म त मस य र करत ह वह इसस य द ख लकर ब त कहन नह च ह रह थ. एक म ड़ पर श तल न स द श ज र भ ज थ क त ह र क रण क त पत नह पर म त ह पस द करत ह. इसस आदशर समझन लग क श तल क उसक अन भ त क पत चल गय ह. इ टर क ब द आदशर न क ट म कस क च ग स थ म प रव श लय त क वह अपन आग क पढ ई ज र रख सक. भत र क दन ह उस द सर कत र म श तल नजर आई. वह उसस Available online: http://sahityasamhita.org/ Page 2
छपत छप त रह. क त ऐस कभ स भव ह आ ह क द न एक ह स थ म एक ह जगह पढ़ रह ह और आपस म ल क त न ह. एक दन ऐस ह ह गय क द न आमन स मन ह लए. द न म क ई भ पहल करन नह च हत थ. य र कतन भ प र न ह ज ए स वन म फर फलन फ लन लगत ह. ऐस ह ह आ. फर श तल आदशर क नजद कय बढ़न लग. ज हर थ क य र क आग द न क तरफ लग थ. पर ब त क वल पहल क थ. अब जब पहल ह ह गई त दन द न र त च ग न फलन लग. न ज न इस ज गलब द म उनन कब ज न मरन क कसम भ ख ल. य र अब परव न चढ रह थ. प र क च ग व ब द क द र न अलग अलग क ल ज म ह न क ब द भ व एक द सर क शहर ज कर मलत रह. ज दग क बह त कर ब स एहस स कय एक द सर क मन क प र तरह भ प लय. एक ब र श तल न ऐस क छ भ बत य थ क उनक प रव र क एक नजद क लड़क, उसस नजद कय बढ न क क शश कर रह थ ल कन श तल न उस घ स नह ड ल क य क वह अपन ज वन म आदशर क अल व कस क नह च हत थ. और त और उसन यह भ कह थ क वह एक लड़क बगड़ ल थ. द न म आ म यत इस हद तक बढ गई क उनक ब च क ई ग पन यत ब क नह रह गई थ. ह नजद कय मन तक ह रह, तन पर क ब न कर सक. द न क अपन अपन तकर थ क त उनक एक ह म नन थ क मन क मलन क ब द श द और ब द म तन क मलन. द न क अलग अलग जगह स पढ़ ई चल रह थ. अ तम स म टर क द र न अब द र आय न कर य प ट ग र ज एशन क त य र क. आदशर ग ट क त य र करन लग, जसस द न क स भ वन ए स थ चलत रह. श तल कस भ तरह क आग क त य रय नह कर रह थ. इस समय न ज न क य आदशर क लग क और श यद श तल क मन ध र ध र आदशर स हट स रह ह.. क रण क क छ पत न चल सक. पर क ष ओ क ब द और द व ल क छ टय म घर पर ह न क वजह स आपस स व द म क स गय थ. श तल क तरफ स फ न उठन ब द ह ह च क थ. और ज क रण स मन आ रह थ व व वसन य भ नह लग रह थ. आपस म क ई ग भ र स व द नह ह आ. Available online: http://sahityasamhita.org/ Page 3
ऐस लगन लग क वह अपन र ह चल पड़ ह, ल कन क रण वश ष क कहन स बचत रह. पत नह उस पर क य ग जर थ क ऐस ह गय. दन- र त स ग ज न मरन क कसम ख न व ल अच नक बन कस आपस वजह क य क ई अ य वजह बत ए इस तरह ठ ज ए समझ म नह आय. पर कस न क छ ख स नह कह. ह, ल कन तब तक फ सल बढ़ रह थ. इस तरह क वभ व न द न क ब च क ख ईय क गहर कर दय. अ तत एक दन आदशर क मन आय, क म झ भ क छ और क शश कर आग बढ़न च हए. इस इर द स उसन श तल क फर फ न लग य. फ न नह उठ. आदशर न फर ब र ब र क शश क क त क ई जव ब नह आय. अब श यद उस लग क उसन अ तत श तल क ख दय ह. वह उधर स जव ब न आत द ख वह नर श ह गय. उसक ज नक र ल न क लए अब वह हर स भव क शश करन लग. इस द र न श तल क द र क र त द र स भ ब त ह ई और उसस कहलव य क श तल स कह क कम स कम एक ब र ब त त कर ल. इर द ज भ ह सह. एक दन श तल क फ न उठ त ह आदशर बह त ह ख श ह आ. ल कन उसक यह ख श क ष णक ह रह गई जब श तल न उस बत य क अब वह उस न फ न कर और न ह उसस स पकर स धन क क शश कर. उसन यह भ कह क अब म त मस न मल सकत ह न ब त कर सकत ह, अब त म म झ फ न मत कय कर. क य क अब हम र क ई र त नह रह म त मस और ब त तक करन नह च हत और फ न रख गय.. यह त बम क धम क थ, आदशर क लए. ज उसक ज दग और ज दग म सब क छ थ, वह त ल ट गय थ. और आ चयर यह क वह त ल ट गय थ. उसक त ह श फ ख त ह गए. समझ म नह आय क आ खर यह क य ह रह ह और क य ह गय ह. यह वह स पत चल क उसक स थ अब क ई और ह. ज स न उसस ऐस लग क श यद कभ श तल न कह जक र भ कय थ क वह आदशर स द र ह न व ल ह ल कन आदशर स यह ब त छ प ए रख. क छ आपस मत र न भ ब त क स भ लन क क शश क ल कन ह थ क छ न आय. Available online: http://sahityasamhita.org/ Page 4
बह त र क शश क ब द जब अगल ब र फ न उठ त उसन बत य क उसक ज दग म अब क ई और ह इस लए स र प र न क स दफन कर दए ज ए. आदशर न ज नन च ह क वह ख श क मत शख स ह क न- स नन पर क वह वह प र न वगड ल लड़क ह ज कभ नजद कय बढ़ न क क शश करत थ आदशर बफर गय. उसन च ख कर कह उस क लए जस त म दन म पच स ग लय द त थ क कस क म क नह ह न ल यक ह अब उसक लए त म म झ नक र रह ह. उधर स आव ज आई द ख वह ज स भ ह अब म र ज दग म ह. म उसक ब र म त मस क छ स नन नह च हत. ब त क लहज क छ ऐस थ क जब म त ह र प छ भ ग रह थ त त म थ क म झस द र भ गत ज रह थ. इतन द र क म र प व व मन थक गए थ. जब म और भ ग न सक त त ह छ ड़ दय. एक क ह गई.. उस वक त, इसन म र स थ दय ह थ थ म.. अब वह म र ह और म उसक. त मन त म झ नक र ह द.य थ. अ छ ह हम- त म अब अलग ह ज ए और अलग ह रह. आदशर क समझ ह नह आय क श तल कस समय क ब त कर रह ह ल कन उस यह अ छ तकह समझ म आ गय क उसन र त और हमसफर बदल लए ह. श तल न ज हर कर ह दय क अब वह कस और क स थ ह और आदशर उसस स पकर करन क क शश न कर. ऐस कह ज सकत ह क श तल न अब आदशर क द ध क मक ख क तरह स नक ल फ क. इसस आदशर क ज दग नरक ह गई. उसक ज न हर म ह गय. ह ल त बगड़न लग डर थ कह क ई गलत कदम न उठ ल. ल कन समय, हर मजर क दव, न आदशर क स भ ल. फर भ वह श तल क भ ल त नह प य. अपन प र त कए बत र व क लए वह श तल क सज द न पर उत ह गय. वह दन आदशर क ज दग क एक ऐस दन थ ज हर दन य द आत ह. आज इतन बरस ब द जब घर स श द क ब त चलत ह, त हर ख ल वक त श तल क य द सत त ह. एक तरफ प ष और एक तरफ च ह व द चलत रहत ह. श तल न त अलग र त अपन ह लय थ. कभ कभ र त दल करत ह क श तल क सबक सख य ज ए त क वह भ उसक तरह तड़प यह त बदल क भ वन थ. पर भ लन त स भव ह ह नह रह थ. Available online: http://sahityasamhita.org/ Page 5
सम ज म आदशर क च हन व ल जतन भ ल ग थ, सबन उस समझ न क क शश क. क त उस पर सदम इतन भ र थ क उसस श तल भ ल ह नह ज त थ. हम श उसस बदल ल न क भ वन स वह प ड़त ह त रह. सबन समझ य क स च य र प न म नह, द न म ह, य द त म श तल स स च य र करत ह, त उस ख श रहन क द आए द. ल कन उस तड़पत दल क यह र स नह आत थ. कहत ह क य र अ ध ह त ह अब लगत ह क आदशर अब भ य र क उस द यर म सम य ह आ ह. कई ब र वह और क कहन पर अपन आप क समझ न क क शश भ करत ह फर ऐस ह ल त म ककतर य वम ढ़ आदशर यह स चत फरत ह क इसक हल कह स ल य ज ए व द ज र ह.. द ख कब थम ग. एम आर अय गर. ल ग www.laxmirangam.blogspot.in ई म ल laxmirangam@gmail.com म. 8462021340 पत स 728, क व र वह र, एन ट प स ट ऊन शप, जमन प ल, जल क रब (छ.ग.) 495450 Available online: http://sahityasamhita.org/ Page 6