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4 P S S H Online ISSN: 2322 0325 Print ISSN: 2322 0317 ववमशथ क प रलत त कर प न क एक सश आध र प र प त ह त ह पद वत म पद वत और न गमत क चररत र-स कल पन म नव-सम ज म ववस गवतय स वघर ह ए स त र ज वन क व यर -कर ह प रलत त कर प र ष-प रध न सम ज म स त र -अवलमत क स दभथ म अन क प रश न खड करक स त र ववमशथ क गवत प रद न करत ह ज यस न अपन स त र -ववमशथ म स त र ज वन क वचन त ओ स ग रलत ह कर उसक सम ध न क व य जन भ ह पद वत म स त र ववमशथ प र तरह स अवभव य वजत ह आ ह पद वत क प रस ग म स त र -ज वन क उसक ब ल यक ल स ववव ह त तर क ल तक बह त ब र क स प रलत त वकय गय ह प र ष प रध न सम ज म स त र क सम प णथ अवस तत व प र ष क भ ग य क र प म ह द ख ज त रह ह प र ष अपन लव र थ स ग रलत ह कर स त र क वजथन ओ क घ र म ब ल यक ल स ह लन क प धर रह ह वह कभ भ नह च हत वक ववव ह स प वथ वकस भ न र क क म-भ वन क ब ध ह प र ष क इस प रक र क स च स त र क लव भ ववक मन ववज ञ न क ववपर त ह लव भ ववक ववक स क वजथन ओ क ब वड य म जकड कर नह र क ज सकत प र ष क इस क ण ठ क प रवतर ल ह वक स त र -प र ष स ब ध क ल कर सम ज म वनरन तर टकर हट क वलर वत बन रहत ह ज यस प र ष क इस स च और मवहल मन ववज ञ न क अन पम प रख क र प म हम र सम प रलत त ह ए व पद वत क ववव ह प वथ ज वन क द व र इस तथ य क अवभव य जन करत ह वजस उनक स त र ववमशथ क मबद आय म म न ज सकत ह पद वत जब म त र ब रह वषथ क ह त ह तब उसक वपत द व र वजथन ओ क ब व य म जकड वदय ज त ह, यर - ब रह ब रह म ह भई र न र ज स न स ज ग सय न स त ख ध र हर त स स पवद न कह द न वनव स और द न स ग सख सह ल ज स ग कर रहवस रस क ल सब नवल वपउ स ग न स ई क वल प स जन वबगस क ई प र ष क य वजथन ए स त र क लव भ ववक ववक स ब वधत नह कर सकत ह और प रक वत क वनयम ह वह त ह कर ह रहत ह क म भ वन प रत य क स त र म लव भ ववक ह उस च ह वजतन भ र क ज ए वह त यर समय उत पन न ह ग ह पद वत म भ लव भ ववक र प स क म-भ वन क ववक स ह त ह और प र ष क इस मन व वत त क लक ष य कर अपन वपत क क द र म रखकर पद वत न र क व दन करत ह ए कहत ह एक वदवस पद ववत सन ह र मवन तइ कह सय न स न ह र मवन कह ब झ ई वदन-वदन मदन सत व आई वपत हम र न च ल ब ब त र सवह ब वल सक नवह म त ज यस पद वत म ध यम स म त क स दभथ स पवत क त र स स न र क घ टन भर ज वन क व य जन करत ह न र क क य ह अज ब वनयवत रह ह वक वह अपन पवत क उवचत सल ह भ द न म भ रत ह

December 2013 www.pssh.in P SSH 5 न र -ज वन क यह वनयवत रह ह वक वह हम श अपन भववष य क ल कर अववश व स और स शय स ग रलत रहत ह वपत ग ह म रहत ह ए जह उस वह अपन घर नह कह सकत, वह पवतग ह म ह न व ल अन त म य व यवह र क ल कर सद व आश वकत रहत ह ज यस न स त र ज वन क इस प क भ अपन ल खन क म ध यम स बड सहज ढ ग स उठ य ह स त र मन म ववव ह पर त उसक प रवत सस र ल प स ह न व ल व यवह र क आश क क अवभव य जन अग रवलवखत प व य म लपष र प स द ख ज सकत ह ए र न! मन द ख ववच र एवह न हर रहन वदन च र ज लवग अह वपत कर र ज ख वल ल ह ज ख लह आज प वन स स र हम गवनव क ल वकत हम वकत यह सरवर प ल स स ननद ब वलन ह वजउ ल ह द र न सस र न वनसर द ह वपउ वपय र वसर ऊपर, प वन स कर दह क ह दह स ख र ख क द ख, दह कस जनम वनव ह ज यस न क न र क उस वनयवत स ज ड ह ई भ वभ वम क व य जन ह ज हम श स द पररव र द व र लव क वत और अलव क वत क ब च झ लत रहत ह स त र ज वन ट ट ल क तरह ह ज पवत क पररव र र प व क स र हम श ववज त य ह बन रहत ह उसक मन हम श अपन ज वन और भववष य क ल कर आश वकत बन रहत ह वह ह न न ह न क मध य ज वन भर झ लत रहत ह स त र ज वन क यह ववस गवत प र च न क ल स वतथम न क ल तक जस क तस बन ह ई ह ज वस र वत पद वत और उसक सह वलय क पद वत म ह त ह वह आज क नवय वन ओ क ज वन क ह यवद अ तर आय भ ह त बह त कम, वजस हम स त र लव त त रय क पररच यक त नह कह सकत ह पद वत क द सर न वयक ह र न न गमत न गमत भ स त र ववमशथ क बह त सश चररत र ह र ज रत नस न पद वत क र प स दयथ क बख न स न उस प र प त करन क वलए य चल पड त ह ज स वह क ई अववव वहत य वक ह उस न गमत क प ड क तवनक भ आभ स नह ह त वह एक पल क भ नह स चत वक ज स त र उसक स र पररणय स त र म ब धकर आई ह और वह उसक ज वन क एकम त र सह र ह उसक क य ह ग न गमत ववरह क अवग न म जलत रहत ह उसक प ड क अहस स अग रवलवखत प वक तय स ह त ह - वपऊ स कह उ स द स ह भ र ह क ग ज यस क ववय ग वचत रण वह द स वहत य क उत तम वचत रण म स एक ह और उस ववरह वणथन क म ल क पत र र कहन अन वचत न ह ग न गमवत ववय ग क म ध यम स ज यस न सम ज क बतल य ह वक न र अपन अ दर प र म क कसक वलए

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December 2013 www.pssh.in P SSH 7 ज ड ववववध प रस ग क उठ कर स त र ववमशथ क ध र क कई प प रद न वकए ह स त लवय वर, स त क वनगमन, स पथणख प रस ग, स त -हरण प रस ग, अहल य प रस ग, त र, मन द दर आवद क प रस ग न र -ववमशथ क ववववध प क बड सश ढ ग स व य वजत करत ह बह त स ववद व न न त लस पर न र ववर ध ह न क आर प लग य ह पर त ऐस प रस ग क कभ नह ह उनक क व य म जह उन ह न वस त रय क प ड क बह त म वमथक ढ ग स उठ य ह त लस न स त र क श ल क जकड न क कसमस हट क स त र क द व र ह व य कर य ह श ल क न म पर स त र क म नवसकत क जकड न क बह त ह अच छ तरह स व य वकय ह य वन क ल स स त र क लड क ह न क एहस स उस हम श वववशत क ब ध कर त ह यह तक वक अपन ज वन-स र क वरण क वलए भ वह लवत त र नह ह वरण त द र क ब त अपन मन क ब त वह वकस स कह भ नह सकत वक उस क स वर च वहए स त -लवय वर प रकरण लवय वर प रर पर कर र व य ग य ह लवय वर म य वन द व र अपन पवत क लवय ह वरण करन क अवध रण वनवहत ह त लस इस अवध रण क अच छ तरह ज नत ह व इस प रकरण क र मकर म उठ त ह ग त वल म त लस क स त अपन ह न व ल पवत क सम बन ध म अपन क मन प रकट करन च हत ह ल वकन लड क ह न क ब ध और तज जन य श ल क ब धन म जकड उसक वववशत उस अपन क मन व य करन स र क द त ह प ज प रवत भल भ य प य पररक सजल, स ल चन, वसवर ल तन प लवकत, आव न वचन, मन रह य प र म भररक अ तरज वमन, भवभ वमन, लव वमन स ह, कह च ह ब त, म त अन त त ह लररक र मचररतम नस क र मकर क धन ष यज ञ प रस ग स त र ज वन क वनयवत क ल कर त लस क स त र ववमशथ क बह त ह सश प ह त लस क र मचररत म नस क स त र म स ववव ह करन च हत ह ल वकन वपत क अस गत हठ क ल कर श वकत मन म उठत, उसक कर ण न दन न र -ज वन क वववशत क कर प रकट करत ह, वजस अग रवलवखत प वक तय स समझ ज सकत ह - ज वन कवठन वसव च प ववस रवत चल र वख उर लय म स म रवत आच यथ त लस द स क स त र ववमशथ क वल स त क मन क न दन तक ह स वमत नह ह व न र मन म वछप ववद र ह भ वन क स त क लवर क म ध यम स व य करत ह स त क म त र ज जनक क अववव कप णथ प रवतज ञ स स त क ज वन क प रभ ववत ह न क आश क स पवत क प रवत ववद र ह लवर म म खर ह उठत ह -

8 P S S H Online ISSN: 2322 0325 Print ISSN: 2322 0317 सवख सब क त क द खवनह र ज उ कह वत वहत हम र क उ न ब झ इ कहइ ग र प ह ए ब लक अवस हठभल न ह भ प सय नप सकल वसर न सवख वववध गवत कछ ज त न ज न र मकर क प र रचन त त र म त लस क न र -ववमशथ क यवद द खन ह त उसम न र ज वन स दभ पर ग भ रत स श ध करन ह ग और उसम वनवहत अ तरभ व क समझन ह ग तभ त त लस यह कर न सद इस वदश म प र रण द यक ह - म ख म ख वह ल चन स रववह स क न ह दय सम इ मनह कर न रस कटकई उत तर अवध बज इ म र ब ई क स त र च तन क ष ण-भव क सम प रद यगत पररप ट स प र क, सम प रद य वनरप भ कववय म म र ब ई प रम ख ह म र ब ई क क ष णभव वकस मत ववश ष य सम प रद य ववश ष क अन तगथत न ह कर प णथत: म र उनक वह म अर व लवत त रत क भ वन न क वल सम प रद य वनरप रहन तक स वमत र बवल क उन तम म र ढ परम पर ओ ध वमथक,स म वजक और र जक य बन धन क अलव क र म भ र म र क सम प णथ ज वन- बन धन म रहन क पय थय ह उनक बन धन म व, स त र म व क प र रण र थक प र दशथ ह श र क ष ण क अनन य आर वधक, क ष ण प र म क स वधक, ववरह क प रवतम वतथ, प ड क आग र और रस क स गर आवद ववश षत ओ और उपम ओ स अवभव य वजत, क ष ण: भव क ग य पद क रचवयत म र ब ई क व यव त व और क त त व द न ह अवतशय ववल ण र जन म स ल कर य वन क दहल ज पर कदम रखन तक उनक क ल र जप र स द क व भवप णथ व त वरण म व यत त ह आ र ववल वसत क सवथ स धन स लभ ह न क ब वज द उन ह न श र क ष ण क भव क श र ष और वर ण य म न क ष ण प र म क द व नग क चरम वलर यवद कह द खन क वमलत ह, त वह क वल म र क ज वन म ह वदख ई द त ह यह वजह ह वक म र एक व यव व चक स ज ञ स ज वतव चक स ज ञ म तब द ल ह गई ह आज भ वकस ववरवहण न र क द खकर उस म र ब ई शब द स स ब वधत वकय ज त ह म र द ख और ववरह क प रत क बन गई य र म त प र म द व ण, म र दरद न ज ण क य म र न श र क ष ण क पवत म नकर उनक आर धन क ईश वर क भव वकस र प म एक भ करत ह,वह उसक भ व पर आध ररत ह त ह उसस अपन स ब ध वकस र प म ज ड त ह,वह भ क अपन इच छ पर वनभथर ह ग लव म त लस द स न वलख ह - ज क रह भ वन ज स, प रभ म रत द खवह वतन त स म र ब ई न लवय क क ष ण क पत न म न और अपन स र ज वन,तन, मन, धन और आत म क श र क ष ण म ह वतर वहत कर वदय अपन एक पद म उसन ग य ह -

December 2013 www.pssh.in P SSH 9 म र त वगरधर ग प ल, द सर न क ई ज क वसर म र म क ट म र पवत स ई स म न यत: म र क क ष ण-भव व यव परक सर क र तक वसमट ह ई वदख ई द त ह, वकन त गहर ई स वच तन कर त उनक स प णथ व यव त व और क त त व स म वजक स र क र स ग वम र त पररलव त ह त ह स म वजक सर क र म सबस महत वप णथ ह, स त र म व क स घषथ म र क स त र ज गरण प र रण स र त कह ज ए त अवतश य वक त न ह ग व न र ज वत क ववद र ह त मक स हस और स घषथ क प रत क ह म र ब ई र जलर न क र ठ र र जप त क म वतय - श ख क प रवतथक र व द द ज क प त र रत नवस ह क प त र र रत नवस ह ब रह ग व क ज ग रद र र उनक म त क न म क स मक वर र म त क असमय म त य क क रण उस बचपन म ह म क लन वहल छ य स व वचत ह न पड र व द द ज न उस म त म अपन प स ब ल वलय म र क वपत मह र व द द ज ध वमथक आलर व ल व यव र व उद र व ष णव र उन ह न म त म चत भ थज ज क म वदर क वनम थण कर य र पररव र क ध वमथक व त वरण क र ललवर प म र म भगवत प र म क स लक र बचपन म पड च क र छ ट उम र स ह वह वगरधर ग प ल क आर धन करन लग र ब रह वषथ क आय म म र ब ई क ववव ह म व ड क र ण स ग क प त र भ जर ज क स र ह आ कह ज त ह वक ववव ह क र र क प र ह त ह म र द ड कर अपन क म पह च और श र क ष ण क म वतथ क स मन वसर झ क वदय जब वबद ई क व आय त उसन बह त भ र आव ज म वपत स कह - यह वगरधर ग प ल क म वतथ भ म र स र -स र ज य ग उसक ब त म न ल गई इस प रक र वगरधर तर म र क ल उठ और वह र ज क प त रवध बनकर वचत त ड गढ ज पह च म र क व व वहक ज वन क म त र स त वषथ ह ह ए र,तभ क वर भ जर ज क लवगथव स ह गय उन न स वषथ क य वत म र ववधव ह गई इस द खद घटन क ब द म र क ज वन- स घषथ श र ह आ तत क ल न वहन द सम ज, ध वमथक म न यत ओ और र ढ पर पर ओ क अन ग म र उस समय म सम ज म स त र क क ई लवत त र अवलतत व र ह नह स त र प र ष क ज यज न ज यज आज ञ ओ क प लन करन व ल आज ञ क ररण क अवतरर क छ नह र सम ज म ज वत- प वत,ऊ च-न च क भ वन ए प रबल र परद प रर क द र र पवत क म त य ह न पर पत न क सत ह न क वनयम र सत -प रर म यह प रदवशथत वकय ज त र वक पवत क म त य ह न पर पत न लव च छ स प रसन नत प वथक उसक शव क स र वचत म भलम ह न च हत ह, जबवक व लतववकत यह र वक आवधक श न ररय ज न च हत र ज ववत रहन क वलए व धव य क कष सहन भ उन ह म ज र ह त र वकन त र ढ ध वमथक म न यत ओ क सह र ल कर वनद ष मवहल ए म द क स र भलम भ त कर द ज त र एक क ल न न र क च ह वह सधव ह अर व ववधव घर क च र द व र क

10 P S S H Online ISSN: 2322 0325 Print ISSN: 2322 0317 ल घ प न अस भव र सम ज म न र क वलए तरह-तरह क वजथन ए व य प त र न र क वकस प रक र क क ई भ अवधक र नह र प र ष क सभ तरह क लवत त रत र एक प र ष अन क मवहल ओ क स र ववव ह कर सकत र वकन त न र क ववधव ह न पर वह प नववथव ह क कल पन तक नह कर सकत र प र ष क द व र द गई य तन ओ क च पच प सहन करन ह उसक वनयवत र ऐस व त वरण म म व ड क र न र ण स ग क क लवध म र ब ई न तत क ल न सम ज म व य प त हर उस पर पर क च न त द वजसम न र क अपम न य अवह लन क ग ध र उन ब वड य त ड वदय स लहव शत म पवत क म त य ह न पर पत न क सत ह न क पर पर र म र ब ई न उस अम न वषक पर पर पर पहल आघ त वकय उसन सत ह न स इ क र कर वदय वगरधर म सय सत न ह लय,मन म ह धन न म व पवत क म त य क ब द वह सत नह ह ई उस क ल म यह बह त बड घटन र एक तरर यह र जघर न क प रचवलत पर पर क उल घन र त द सर तरर ल कमय थद क ख न एक प रवतवष त श यथय र जव श क वलए यह असहन य क त य र वकन त म र इन ब त स ववम ख ह कर अपन आर ध य क ष ण क भव म ख गई उसक प स एक ह लक ष य र, भगव न श र क ष ण क प न व क ष ण क प र वप त क वलए वह र जमहल क च र द व र क ल घकर क ष ण क द व न बन कर जन-जन क ब च गल -गल म अलख जग न लग - छ व दई क ल क वन कह कररह क ई स तन वढ ग ब वठ-ब वठ ल क ल ज ख ई अ स वन जल स वच-स वच प र म-ब वल ब ई अब त ब वल र ल गई आन द र ल ह ई यह म र क ह स हस र वक उन ह न क ल-मय थद और ल क ल ज क त य ग वदय यवद उद ïद श य मह न ह त उसक प र वप त क वलए सब क छ त य ग ज सकत ह वकन त यह इतन आस न भ नह ह इसक वलए म र क प रत ड न ओ क स मन करन पड उन ह जहर द कर सम प त कर द न क षड य त र भ वकय गय म र न हर तरह क षड य त र और ब ध ओ क स मन ध यथ और स हस क स र वकय उसम एक र जप त रमण क स हस और अपन वगरधर ग प ल क प रवत अट ट वनष र वजसक चलत हर कवठन ई क झ लत ह ई भव र प स गर म बत चल गई म र क अन क पद ऐस ह,वजनम र ण ज क स ब वधत वकय गय ह यह स ब धन र ण वव म वदत य क वलए ह, वजन ह न म र क ज वन क सम प त करन क वलए ववष क प य ल वभजव य र अर र ण पहल क य न बरज, ल ग वगरधररय स प र त म र च ह छ र ण नह रह म बरज सग न स वहब स मरत र म र र क ठ खटक

December 2013 www.pssh.in P SSH 11 र ण ज न भ ज ववषर प य ल कर चरण म त गटक र ण क द व र ववष क प य ल और जहर ल सपथ क वपट र वभजव न क घटन ओ क उल ल ख म र क अन क पद म ह आ ह इसस यह आभ स ह त ह वक इन घटन ओ क उल ल ख बह त गहर प रभ व म र क मन मवलतष क म पड र अपन पद म ववष क प य ल वभजव न क घटन क ब र- ब र वज करक म र न ज स र ण क क च पर व य ग य वकय ह तर उस स ब वधत करक एक प रक र स च न त भ द ह वक उसक षड य त र स घबर कर वह अपन र लत स भटकन व ल नह ह एक सजग और स हस न र क ववर ध क दशथन इन पद स ह त ह म र मगन भई हरर क ग ण ग य स प वपट र र ण भ ज य,म र ह र वदय ज य न ह य ध य जब द खण ल ग,स वलकर म गई प य जहर क प य ल र ण भ ज य,अम त द न ह बन य न ह य ध य जब प वण ल ग ह अमर अ च य स ल स ज र ण न भ ज द ज य म र स ल य स झ भई स वण ल ग, म न र ल वबछ य म र क अन क पद म उसक स घषथ और ववर ध क ध ववनय स न ई द त ह उन ह न अपन प रभ क भव म ल न ह कर महल-अट र सब त य ग वदय र ण क शहर क भ छ ड वदय उसन ल क-ल ज, बन व-श र ग र क त य ग कर सन य वसन क भगव च दर ओढ ल वर र भ उनक द वर र ण वव म न उसक प रवत ब र भ व क नह त य ग र ण क ज य बच छन म क र कह कर अपन ववर ध भ व वकय ह - र ण ज र क य न र ख म ह स ब र र त र ण ज म ह न इस,ल ग ज य बच छन म क र महल अट र हम सब त य ग, त य ग य र र बसन सहर क जल -ट क र ण हम सब त य ग, भगव च दर पहर म र र प रभ वगरधर न गर इमररत वकय जहर स ध -स त क पह चन पर ल क ल ज क पररत य ग करक म र उनक आदर सत क र म लग ज त र ईश दशथन क वलए वह अन क ब र म वदर म चल ज त और प र म क आव श म प र म घ घर ब धकर ह र म करत ल ल कर भगव न क स मन न चन लगत म र क र प य वन और व धव य त न एकत र ह गय र यह स म जलय सम ज क द वष ï म जड त और स द ह क वच ग ररय क अन य स जन म द त र र जक य मय थद ओ क भ ग करक म र वजस प रक र स ध स त स सत स ग करत र, वह र ज पररव र क ल ग क भ सहन नह ह रह र पर य व यव य क स र ब ठकर

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December 2013 www.pssh.in P SSH 13 अन द य क ष ण क व य म स त र च तन वह द भव क व यध र म क ष णक व य क रचन त त र त प र तरह स स त र अवलमत क भ वभ वम क पय थय ह ह आध य वत मक आवरण क हट कर क ष ण कर क स म वजक स रचन क द वष ट स द ख ज ए त उसम प र ष-मन ववज ञ न और स त र मन ववज ञ न क स दभथ म स त र ज वन क अवलमत क ऐस स स र वदख ई द त ह वजसम स त र ज वन क ख श न म म त र क ह और कष स सम प णथ ज वन आच छ वदत ह मबद र प म प र ष मन ववज ञ न क ज ल म र स ह ई स त र क पश च त प और कर ण दन ह अवधक ह ज स त र ववमशथ क यर र थ ह स रस गर क क ष ण क व य ह नह स वहत य लहर क न वयक भ द भ स र क न र -ववमशथ क एक आय म ह स रस गर म भ रमरग त प रकरण स त र ववमशथ क एक सश वब द ह भ रमरग त प रकरण म ग वपय क र प म यवद स त र ज वन पर द वष टप त वकय ज ए त वह सम ज क एक ऐस सत य ह ज आज भ हम र स मन एक ज वल त समलय क र प म ववद म न ह स र क ष ण क द व र ग वपय क उप क वगथ-च तन क स दभथ म द खन च हत ह स र क ग वपय क ष ण क द र प म द खत ह प रर म ग क ल क क ष ण-ज ग प ल ह, उनक ग र म ण पररव श क स र ह वद वत य मर र क क ष ण ज र ज ह - य दवन र ह ग क ल स मर र ज कर क ष ण क वगथ बदल ज त ह वह स म न य ग व ल स र ज ह ज त ह और वह ज कर एक न र क ब ज क अपन ल त ह क ब ज तन स क ब ज ह य न ह ल वकन वह मन स क ब ज ह ह, ज ग वपय क क ष ण क ग वपय स छ न ल त ह क ष ण भ र ज ह कर ग वपय क छ ड द त ह और पर क ष त तब ह त ह, जब व उद व क द व र ग वपय क द सर आलम बन क वरण क स द श द त ह ऐस प रप चन स त र ज वन क स र छलन व लतव म क वत सत ववच रध र क पररच यक ह क ष ण ग वपय क स र र स ल ल त करत ह पर त ववव ह क समय वकस और क अपन ल त ह वतथम न सम ज म ऐस अक सर द ख ज त ह वक एक य वक प र वमक स बह त कम ववव ह करन च हत ह जब प रवमक उस अपन सवथलव न य छ वर क हव ल द त ह त वह पवतत घ वषत करन म तवनक भ नह वहचवकच त स र क स त र ववमशथ क व य जन इस वबन द पर अग रवलवखत प व य म द ख ज सकत ह कह कह त आय ह ज नवत ह अन म न मन त म ज दवन र पठ ए ह मध वन क क वमन मन हर तह वह ज ह जह भ ए ह अपन लव र थ वसद कर प र ष हम श अपन प र वमक क वसद त क हव ल द त ह ए अन यत र ववव ह क वलए कहत ह वह क यथ क ष ण क द व र ग वपय क स र उद व क

14 P S S H Online ISSN: 2322 0325 Print ISSN: 2322 0317 म ध यम स वकय ज त ह उध दव ज ह य ग और ब रह क ज ञ त ह उनक प र म स द र द र क क ई सर क र नह ह जब ग वपय व य क ल ह कर उध दव स क ष ण क ब र म ब त करत ह और उनक ब र म ज नन क उत स क ह त ह त व वनर क र ब रह और य ग क ब त कर उन ह अन यत र मन लग न क स द श द त ह ग वपय उद व क वकस भ तकथ क न म नकर स त र लवत त रत क पररचय द त ह और सम ज म व य प त प रप च पर कर र प रह र करत ह - बवह उप गस त आई गए सख सख कछ अ तर न वह, भरर भरर अ क लए अवत स न दर तन लय म सर ख, द खत हरर पछत न ऐस क व स ब ध ह त, ब रज पठऊ मन आन य आग रस कर प रक स, ज ग कर प रकट ऊ स र ज ञ न य क द ढ क़ररक, ज ववतन ह प स पठ ऊ ग वपय क ष ण द व र वकए गए छल स बह त आहत ह त ह और व स ध त र पर तर वववभन न प र क वतक म ध यम स उद व क जल -कट स न त ह, व उध दव पर क ल भ रमर कह कर ख ब कट करत ह रह र मध कर मध मतव र क न क ज य वनरग न स, वचरज वह क न ह हम र ल टत प त पर ग क च म, ब च न अ ग सम ह र भ रम ब र सरक मवदर क, अपरस रटत उघ र त म ज नत ह व स ग व ररन, ज स क स म वतह र घर पहर सबवहन वबरन वत, ज स आवत क र स दर बदन, कमल-दल ल चन, जस मवत न द द ल र तन-मन स र अरवप रह लय मवह, क प ल वह उध र स त र ववमशथ क स दभथ म यवद स र क इन प रकरण क द ख ज ए त आज भ ऐस ध तथ प र ष वमलत ह ज पढ-वलख अच छ पद प र प त करत ह अपन अवशव त ग र म ण प वथ पररण त क ध ख म छ ड कर उसक ववश व स क त ड त ह ए उस उसक वनयवत पर छ ड द त ह इसक स र सम ज म ऐस क ब ज ए भ ह न र क अवधक र पर आघ त करक ऐस प र ष क अपन ध तथत क ज ल म र स ल त ह और हद त तब ह त ह जब ऐस स त र -प र ष न र क प रवत स व दन प णथ ल खन करत ह ए ब शम क स र स त र ववमशथ क झ उठ ल त ह स र क स वहत यलहर स र क न र -ववमशथ क एक नय आय म द त ह स वहत य लहर क वण यथ-ववषय क क न द र म न वयक -भ द ह न वयक -भ द म लवक य न वयक क लवर प न र क प णथ आदशथ म न गय ह स र न र -ववमशथ क धर तल पर खड ह कर

December 2013 www.pssh.in P SSH 15 इस र प म प र ष द व र र प गए आदशथ क लव क वत-अलव क वत क ब च झ लत वदख ई द त ह स र क र ध क लवक य क र प म वचवत रत आदशथ पर एक ग प व य ग य करत ह ई कहत ह र ध वकय क न स झ व प र नपवत व दन ववभ वषत स न ग न वचतच व भ न व स रस स ध ग ह ह न वनकसन प व रजवनचर ग न ज न... ग प र ध क र प म न र द व र प र ष क वलए एक प य सवथत भ व न समपथण पर प रश न वचह न लग त ह ग प क यह प रश न वचह न न र -ज गरण क भ वमक क वलए स र क न र -ववमशथ क र पर ख क एक वदश ह स वहत य लहर म न वयक -भ द क प रस ग स स र न न र -ज वन और न र -अवलमत स सन दवभथत अन क प रश न उठ कर न र -ववमशथ क यर र थ वदश द न क प रय स वकय ह प र ष द व र अल पवयलयक ब वलक क य न-श षण क समलय क स र म ग ध न वयक क एक भ द अज ञ त य वन क प रस ग स उठ त ह क म भ वन स प र ररत प र ष यह नह द खत वक वजस पर क द वष ल रह ह वह श र ररक और म नवसक र प स क म- स दभ क वलए उपय ह य नह स वहत य लहर क वनम न पद म न र -ज वन स स ब वधत इस ज वल त समलय क व य जन करत ह ए स र प र ष द व र ववव क स क म ल न क सल ह द त ह हरर उर पलक ध र ध र वहत वतह र करत मनवसज सकल स भ त र र वतक ल न क व य क प रम ख आध र स त र ह कह ज ए त क ई अवतश य वक त नह ह ग क य वक र वतव द क व य म न वयक क भवगन व ल र प महत वप णथ नह ह, न वयक व ल र प ह प रम ख ह र वत क ल न स वहत य म स त र क द ख क च ह व ज यस क न गमत ह य अन य बढ चढ कर प रलत त वकय और स त र क प रवत र ग त मक स ब ध दश थय गय पर त इस क ल म भ वस त रय द व र रच गई कववत ओ य अन य प रक र क स वहत य पर क ई ववश ष ध य न नह वदय गय ह जह वकस ध र क म ल म ह स त र ह वह वबन स त र क सव ल पर, स म वजक वलर वतय क सव ल पर ठ स ब त वकए स वहत य क परम पर तय नह क ज न च वहए वह द स वहत य क परम पर क ठ क स वनध थररत करन क वलए तत क ल न द र क स त र स वहत य क पढ ज न क जर रत ह यह स वहत य बह न यकत व और उसस उपज तम म स त र ववर ध प रव वत तय स प र प त द श क द न ह वह द स वहत य क भव क ल म न भ द स क त भ म ल म कवववयवत रय क एक स च ह - 'स त, झ ल, स मवत, श भ, प रभ त, उम, भवटय न ग ग, ग र, क वरर,

16 P S S H Online ISSN: 2322 0325 Print ISSN: 2322 0317 उब ठ, ग प ल, गण श द वर न, कल, लख, क तगढ, म न मत, स वच, सतभ म, जम न, क ल, र म, म ग, द व, द भ न, ववश र म, ज ग ज व क क, कमल, द वक, ह र, हररच र प ष भगत कवलय ग य वत जन भ र ज मवहम सब ज न जगत ' य य वत भ जन ह भ म प र य: सभ स वहत य क स र सर क र रखत ह, ज स भ ह सभ कववत करत ह, क छ क व य व वशष य क क रण भव क ल क लतम भ रचन क र ह, श ष भ ह, वर र स त र भ जन वबन क व य सजथन क म वदर म भगत स व करन म ल न रह गई ह, ऐस नह म न ज सकत ह क छ ग वयक ए रह ह ग त क छ रचन कर भ वनवश चत र प स रह ह ग वह द स वहत य क इवतह स ल खन म वकस प र ष कवव ववश ष क वववरण क स र ह उसस सम बवन धत स त र क उल ल ख भर कर वदय ज त रह ह कई ब र वक वदवन तय क आध र पर उन वस त रय क चररत र वनध थरण करन तक क प रय स भ वदख ई द त ह ऐस करन म इवतह सक र क एक ख स म नवसकत क आभ स वमलत ह र वत क ल म घन नन द और स ज न क क व य और सम बन ध इस प रश न क द वष स ववच रण य ह उनक कववत म घन नन द न म क छ प वजनम ह व कववत ए भ घन नन द क ह और स ज न न म क छ प व ल कववत ए भ घन नन द क ह ह भ व र प वल ग भ द क द यर क लपष ववभ वजत नह करत, वर र भ तकथ ज ल घन नन द क ह प म क य खड ह त ह? उसक क रण क समझन क वलए आच यथ श क ल क इस कर न क पढन जर र ह - 'इन ह न अपन कववत ओ म बर बर स ज न क स ब वधत वकय ह ज श र ग र म न यक क वलए और भव भ व म भगव न क ष ण क वलए प रय म नन च वहए कहत ह वक इन ह अपन प वथ प र यस स ज न क न म इतन वप रय र वक ववर ह न पर भ इन ह न उस नह छ ड ' तकथ स रचन न एक व क य म वकतन पहल बदल ह, यह त लपष ह ह उनक आग वलख कर न स इसक क रण भ स र पत चल ग आलम क ब र म. नग न द र क स व प त इवतह स म वमलत ह वक 'श ख आलम क ह ज त य न म र वह अपन छ प यर वश यक कभ आलम कभ श ख रख द त र र गर वजन क कह न य त मनगढन त ह ' इन आल चक क तकथ अपन भ तर यह म न यत वलय रहत ह वक स त र वनज सम पवत त ह त उसक कववत भ हड पन य ग य ह परम पर गत तकथ जब तक यह नह स वबत कर ग वक सम पवत तध रक श र ष ह, य प र ष क क वबवलयत स त र स अवधक ह अर व ज वत क उच चतम प यद न पर लर वपत क ब च प रवतभ क लतर उच च ह त ह, स वहत य त र म आन व ल वस त रय अवधकतर स म वजक प रवतष म अपन लर न वनम नतम रखत ह, तब तक परम पर गत ढ च क बन ए रखन सम भव नह ह वस त रय क कववत ओ क प र ष क स वबत करक य वस त रय क चररत र क ह न और अववश वसन य बन कर य उनक रचन ओ पर च प प स धकर य उनक रचन ओ क अज ञ त ल खक क कववत कहकर य कववयवत रय क

December 2013 www.pssh.in P SSH 17 पहच न कवव क र प म बत कर अभ तक इस परम पर गत उत तरद वयत व क वनव थह वकय गय ह मध यक ल न वहन द भव क व य ध र आध य वत मक च तन पर आध ररत क र भ व-ववल स ह नह ह, उसम कह व च य र थ म त कह प रत क र थ म स म वजक वचन त ओ क सवन नव श ह और उसम भ ववश षकर न र ज वन क ववषमत ओ क, ज न र -ववमशथ क ध र क य ग न र प वनरन तर गवत द त ह वहन द क श ध कत त थओ और ववद व न स भ स वहत य म न र -ववमशथ क एक अवववच छन न कड क र प म द ख ज न क अप क ज सकत ह दर श च र जप ल वह द शब दक श, स..हरद व ब हर,(1996)र जप ल ए स स, वदल ल. स र श क म र एव. र म न र श ह : ऑक सर थ व क शनर. हज र प रस द वद वव द, मध यक ल न ब ध क लवर प र जमल ब र : त लन त मक अध ययन, 1992, 1992 व ण प रक शन नई वदल ल ISBN8170552389. स र श च द र :भवक त आ द लन और मध य क ल न वह द क व य (2013), अमन प रक शन, क न पर आई.एस.ब.एन. : 978-93-82432-37-1. ग प ल भ गथव: हररय ण क कल एव स लक वत, (2011), ग य न पवब लवस ग ह उस, 8178358891.कर ण श कर उप ध य य:वह द स वहत य म ल य कन और म ल य कन (आल चन ), 2012 द शभ रत प रक शन, श हदर,वदल ल आई.एस.ब.एन. : 978-93-81488-16- 4 म न श र व लतव, भव आन द लन क म र क अवद न म र क म ल य कन ( 2006), श य म प रक शन, जयप र आद, म र क व य और ल क तत व (2005) न शनल स वमन र ऑन कल चरल ह र ट ज ऑर र जलर न, इवतह स ववभ ग वनलर ल ववद प ठ म न श र व लतव: न र च तन क पररप र क ष य म स लक वतक यर धथ क कर क र ववजय ज श, प रक शक, स वहत य ग र च ड र लत, जयप र र मवकश र शम थ:कब र ग र र वल, (2006), ल कभ रत प रक शन, वदल ल व बस इट स दर भ http://vangmaypatrika.blogspot.in/2008/06/blog-post_15.html http:www. bhartiyashodh.com http://www.sahityashilpi.com http://bharatdiscovery.org

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